.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Thursday 28 July 2016

संस्कृत पढ़ना अब भारी, योग सीखने की मारामारी

कुरुक्षेत्र : 1957 में संस्कृत विश्वविद्यालय के रूप में शुरू हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को अब संस्कृत पढ़ने वाले छात्र ही नहीं मिल रहे। हालत यह है कि जिसने भी फार्म भरा, विश्वविद्यालय ने उसका दिल खोलकर स्वागत किया। फिर भी संस्कृत विषय की 25 सीटें खाली रह गयीं। इसके उलट योग का डिप्लोमा करने वालों की भीड़ लगी है। योग की पढ़ाई के इच्छुक 90 फीसदी युवाओं को दाखिला न मिलने पर निराश होना पड़ा है। जिन आवेदकों के नाम प्रवेश सूची में शामिल हुए, वे अपने आपको बेहद भाग्यशाली मान रहे हैं, क्योंकि एक-एक सीट के लिए 80-80 प्रवेशार्थियों की लाइन थी।
विश्वविद्यालय में केवल संस्कृत भाषा के प्रवेश का ऐसा हाल नहीं है बल्कि हिन्दी और पंजाबी भाषा की भी हालत खराब है। हिन्दी में जहां 28 सीटें खाली हैं वहीं पंजाबी में 30 सीटें खाली पड़ी हैं। इसके अलावा एमए म्यूजिक में 17, दर्शनशास्त्र में 5 और सोशल वर्क विभाग में 12 सीटें खाली हैं। विश्वविद्यालय ने इन खाली सीटों को भरने के लिए प्रवेश की तिथि को बढ़ाकर 6 अगस्त कर दिया है।
विश्वविद्यालय में प्रवेश की स्थिति देखने से साफ लग रहा है कि हरियाणा के युवाओं का रुझान अब योग की ओर बढ़ रहा है। विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए आए आवेदनों के अध्ययन से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि अब युवक-युवतियों का रुझान आईटी और कंप्यूटर से दूर हो रहा है और वे बेसिक साइंस के विषयों की ओर भाग रहे हैं। फिजिक्स केमेस्ट्री में काफी विद्यार्थी प्रवेश के लिए आए।
शारीरिक शिक्षा विभाग में भी भीड़ रही। विधि और प्रबंधन के विषयों में विद्यार्थी रुचि दिखा रहे हैं। गणित अौर प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की ओर भी विद्यार्थियों का रुझान है।
विश्वविद्यालय में इस सत्र में 93 पाठ्यक्रमों के लिए 27 हजार 394 विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किये, इनमें से 24 हजार 55 ने ही अपने फार्मों की हार्डकॉपी जमा करवायी है। आवेदनों को देने की अंतिम तिथि 1 जुलाई निर्धारित थी। मंगलवार तक तीसरी और अंतिम कांउसलिंग संपन्न हुई।                                                              dt

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.