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Friday 22 July 2016

शिक्षा के निजीकरण की भेंट चढ़े सरकारी स्कूल

** एजुकेशनल इंटरनेशनल का दावा : देशभर में बंद हुए 1 लाख सरकारी स्कूल, व्यवसायीकरण रोक पाना संभव नहीं 
नई दिल्ली : शिक्षा के व्यावसायीकरण को देखते हुए बृहस्पतिवार को एजुकेशन इंटरनेशनल ने राजधानी में अपनी शोध रिपोर्ट पेश की। हैदराबाद पर केंद्रित इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह से यहां शिक्षा का व्यावसायीकरण बढ़ रहा है। आंध्र प्रदेश सरकार जहां निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, वहीं तेलंगाना सरकार ने 4000 सरकारी स्कूल बंद कर दिए हैं। शिक्षा के व्यावसायीकरण के दुष्परिणामों को प्रकाशित करती इस रिपोर्ट को देखते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि व्यावसायीकरण को रोक पाना संभव नहीं है। इससे निबटने का एकमात्र उपाय है कि हम सरकारी स्कूलों को इतना बेहतर बनाएं कि निजी स्कूलों की ओर लोगों का ध्यान सबसे आखिर में जाए।
मावलंकर हॉल में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शिक्षक संगठन की ओर आयोजित कार्यक्रम में एजुकेशन इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में शिक्षा का अधिकार कानून 2009 लागू हुए छह साल बीतने को हैं, लेकिन आज भी बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए निजी स्कूलों का रुख करना होता है। सरकारी स्कूलों की स्थिति ऐसी है कि इस दौरान देशभर में करीब 1 लाख स्कूल बंद हो चुके हैं। इस मौके पर लोकसभा सदस्य व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगदंबिका पाल ने कहा कि सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में बजट बढ़ाना चाहिए। छोटे निजी स्कूल उन इलाकों में भी हैं जहां सरकारी स्कूल दुर्लभ से उपलब्ध हैं। हम प्रयास करेंगे कि भारत में ऐसी शिक्षा व्यवस्था विकसित हो कि लोग अपने बच्चों को विदेश के बजाए देश में उम्दा शिक्षण संस्थानों में अध्ययन के लिए भेजें। ऐसे सरकारी संस्थान विकसित हों जहां विदेशी भी अध्ययन के लिए आएं।
उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में 16 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में जबकि 10 लाख बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। निजी स्कूलों में बेहतर माहौल दिया जाता है। यही कारण है कि आज सरकारी स्कूल कहीं न कहीं निजी स्कूलों से पिछड़ रहे हैं। निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना स्टेटस सिंबल बन गया है। हमे यह मानसिकता बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा खुद निजी स्कूल में पढ़ता है, लेकिन हम अपनी लकीर बड़ी करने में जुटे हैं। वह दिन जल्द आएगा जब सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से आगे निकल जाएंगे। इस काम में शिक्षकों की भूमिका अहम है। कोई भी ऐसा विकसित देश नहीं है जहां सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन खराब हो और निजी स्कूलों पर शिक्षा व्यवस्था आश्रित हो। देश का विकास सरकारी स्कूलों या यू कहें कि शिक्षा के अधिकार से ही संभव है।                                                                dj 

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