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Monday 7 May 2018

सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने को नया फार्मूला

** अब हर तीसरे माह निजी और सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के बीच होगी प्रतिस्पर्धा
** विद्यार्थियों के बीच होने वाली ये प्रतियोगिताएं केवल शिक्षा पर आधारित न होकर खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी आधारित होगी 
हांसी : सरकार द्वारा तरह-तरह की सुविधायें मुहैया करवाने के दावे करने के बावजूद भी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की अपेक्षा शिक्षा व अन्य गतिविधियों में लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में लगातार गहरी होती जा रही इस खाई के अंतर को कम करने के लिए अब शिक्षा विभाग ने नया फार्मूला खोज निकाला है। 
विभाग द्वारा इस शैक्षणिक सत्र से हर तीसरे महीने में सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के बीच कई प्रकार की प्रतिस्पर्धाएं करवाई जाएंगी और इन प्रतिस्पर्धाओं के माध्यम से यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि आखिरकार किन कारणों से सरकारी स्कूल के विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। ये प्रतिस्पर्धाएं करवाकर शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों की स्थिति का मूल्यांकन कर इसकी रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेजेगा ताकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा व खेलकूद के क्षेत्र में सुविधाएं मुहैया करवाकर विद्यार्थियों का स्तर ऊंचा किया जा सके। 
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के बीच होने वाली ये प्रतियोगिताएं केवल शिक्षा पर आधारित न होकर खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी आधारित होगी और इन सभी क्षेत्रों में विद्यार्थियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करके अंतर को दूर करने का प्रयास है। इसके अलावा इन प्रतिस्पर्धाओं से प्राईवेट व सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों एक-दूसरे को जानने व समझने का मौका भी मिलेगा। इस प्रतिस्पर्धा के लिए शिक्षा विभाग ने बाकायदा नोटिस भेजकर प्राईवेट स्कूलों के चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
"सरकारी स्कूलों में सरकार तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाये जाने के बावजूद विद्यार्थी प्राईवेट स्कूलों के विद्यार्थियों की अपेक्षा बेहतर रिजल्ट नहीं दे पा रहे हैं और न ही खेलकूद व अन्य क्षेत्रों में आगे निकल पा रहे हैं। लगातार बढ़ रहे इस अंतर को जानने के लिए ही नये सत्र से शिक्षा विभाग ने प्राईवेट व सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का आपस में मुकाबाला करवाने का निर्णय लिया है ताकि इनका मूल्यांकन कर सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के बारे में मंथन किया जा सके।"-- सुभाष वर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी।

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