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Monday, 11 July 2016

पंचकूला में चयनित जेबीटी पर बलप्रयोग

** नियुक्ति की ही मांग को लेकर दूसरा संगठन 17 को करनाल में करेगा वादा निभाओ रैली 
पंचकूला/पानीपत/चंडीगढ़ : पांच साल से अटकी पड़ी जेबीटी की नियुक्ति को लेकर पात्र अध्यापक संघ हरियाणा ने पंचकूला में नियुक्ति अधिकार रैली की। रैली के बाद सीएम आवास की तरफ कूच किया लेकिन हाउसिंग बोर्ड चौक पर चंडीगढ़ पुलिस ने वाटर कैनन और हल्का लाठीचार्ज किया। यह तीसरा मौका है पात्र अध्यापकों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया है। हालांकि हर बार बाद में सीएम के प्रतिनिधि ने आकर आश्वासन दिया। इस बार सीएम के ओएसडी मुकंद कुमार ने भरोसा दिलाया कि हाईकोर्ट का फैसला आते ही चयनित जेबीटी को नियुक्ति दे दी जाएगी। 
पात्र अध्यापक संघ के बैनर तले 15 मई से पंचकूला में धरना चल रहा है। प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट में 20 जुलाई को सुनवाई है। यदि सरकार मजबूती से पैरवी करे तो मामला लंबा नहीं खींचेगा। कोर्ट से स्टे हटते ही 12,731 चयनित जेबीटी को नियुक्ति मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पुलिस बल प्रयोग के दौरान उन्हें, प्रेम अहलावत, ज्योति भाटिया चोटें आई हैं। इधर, सर्व खाप पंचायत की राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष दहिया ने मौके पर पहुंच कर आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार बेटियां बचाने-पढ़ाने की बात तो कहती है लेकिन बेटियों को जॉनिंग नहीं दे रही। 
 मंत्री-अफसरों के घरों में काले बिल्ले 
सरकार के खिलाफ केवल सड़कों पर ही नहीं, बल्कि पिछले एक सप्ताह से मंत्रियों और अफसरों के घरों में भी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। कैबिनेट, राज्य मंत्रियों और सीनियर आईएएस अफसरों की कोठियों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विरोध स्वरूप काले बिल्ले लगाकर काम कर रहे हैं। ये कर्मचारी अपनी पीएफ राशि का हिसाब और डीए का एरियर मांग रहे हैं। पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी यूनियन के प्रधान तारादत्त शर्मा ने बताया कि सीएम की कोठी में काम करने वाले कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाने चाहे तो वहां तैनात सिक्योरिटी अफसरों ने उनके काले बिल्ले उतरवा दिए। 
जबकि मंत्रियों, अफसरों की कोठियों और दफ्तरों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पिछले 6 दिन से काले बिल्ले लगाकर काम कर रहे हैं। तारादत्त ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का वर्ष 1997 से ही पीएफ के नाम पर पैसा काटकर वेतन दिया जा रहा था। जब अधिकारियों से पीएफ नंबर और उसकी रसीदें मांगी गईं तो अब कह रहे हैं कि उनका कोई पीएफ नहीं काटा गया। 
हकीकत : गेस्ट रहेंगे या इन्हें नियुक्ति मिलेगी
सरकार हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद चयनित जेबीटी को नियुक्ति देने की बात तो कह रही है लेकिन हकीकत यह है कि इसके लिए सरकार को पहले गेस्ट टीचरों की छुट्टी करनी पड़ेगी। जबकि शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा बार-बार वादा करते रहे हैं कि वह हर हाल में गेस्ट टीचरों को नियमित कराएंगे। पहले सरकार ने 3,581 गेस्ट टीचरों (टीजीटी) को हटाया था। इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। 
77 दिन में नियुक्ति का था वादा 
29 जून को पात्र अध्यापक संघ से अलग होकर चयनित जेबीटी संघर्ष समिति बनाई गई। इस समिति ने एक जुलाई से रथयात्रा शुरू की थी। जिसका समापन 17 जुलाई को करनाल में वादा निभाओ रैली के साथ होगा। दरअसल 29 मार्च 2015 को मुख्यमंत्री ने 77 दिन में नियुक्ति देने का वादा किया था। संघर्ष समिति के सदस्य पवन चमारखेड़ा ने बताया कि 30 मार्च 2011 को हाईकोर्ट ने 9 महीने में रेगुलर जेबीटी भर्ती पूरी करने का आदेश दिया था लेकिन आज 5 साल बीतने के बाद भी भर्ती पूरी नहीं हुई।                                                             db

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