
कैथल : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला-प्रधान सतबीर गोयत,सचिव बूटा सिंह व राज्यसंगठन सचिव कँवरजीत सिंह ने संयुक्त ब्यान जारी कर बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की गलत नीतियों के कारण आज प्रदेश का शिक्षा विभाग शर्मसार हो रहा है। आए दिनों शिक्षा विभाग के अधिकारी बिना सोचे समझे फरमानों को सुनाकर अपनी कमियों को छिपाने के लिए फैसले लागू कर रहे हैं । सन् 1991 के बाद हरियाणा में जितनी भी शिक्षा विभाग में भर्तियाँ हुई सभी पर केस चले और वर्तमान में भी भर्ती पर केस दर्ज है। पिछली सरकारे भी ऐसा करती थी और वर्तमान सरकार भी कर्मचारियों का कोर्ट में सही पक्ष न रखकर बदले की भावना से काम कर रही है। सही तरीके व सीनियरटी से काम न करके अध्यापकों को बली का बकरा बनाया जा रहा है।
गोयत ने बताया कि विभाग ने वर्ष 2013 में मिडल स्कूलो मे मुख्याध्यापक के पद 5000 अध्यापको को पद्दोन्नति दी थी परन्तु विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण जिसका खामियाजा आज 1990 मिडल स्कूलों में मुखिया की जिम्मेदारी निभा रहे मुख्याध्यापकों को डिमोशन होकर भुगतना पड़ रहा है। अभी अभी मास्टर से पीजीटी बने शिक्षकों में भी सीनियर शिक्षकों को छोड़कर पदोन्नति दी गई है जिसका भविष्य भी अधर में लटक सकता है। दो साल से नव चयनित जेबीटी अध्यापक रोड़ो पर धक्के खा रहे हैं। कम्प्यूटर टीचर्ज, लैब सहायक, गैस्ट टीचर्ज, सीम, को हटाना व पक्का करने की पालिसी में इनको शामिल न करना आदि कार्य अधिकारियों की हठधर्मिता से विभाग में लम्बित है। कब तक आम जनता, शिक्षक, कर्मचारी कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटता रहेगा। यदि सजा देनी है तो उस अधिकारी व नेता को दो जिसने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करके समाज का माहौल बिगाड़ा है।
शिक्षा विभाग में शिक्षकों को दोषी न ठहराकर, इसकी उचित जांच करके दोषी अधिकारियों को शक्त से शक्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में अधिकारी व कर्मचारी गलत काम करने से डरे।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.