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Saturday 15 April 2017

सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंची नई किताबें, 2 माह तक पुराना सिलेबस ही पढ़ाएंगे, मंथली टेस्ट होंगे प्रभावित

** शिक्षकों का सवाल-आखिर स्कूल के छह घंटे तक पुराना सिलेबस कैसे पढ़ाएं, बच्चे बोर होते हैं
** शिक्षकों ने छात्रों की कम होती संख्या को देखते हुए पुराने सिलेबस से ही पढ़ाई शुरू करवाई 

** पिछले साल भी जून और जुलाई में आई थी किताबें 

रोहतक : प्रदेशके सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव शुरू हो चुका है। पिछले साल की तरह इस सत्र की शुरुआत में भी नई किताबें छात्रों तक नहीं पहुंची हैं। इसकी जगह स्कूलों में दो माह के लिए क्लास रेडीनेस प्रोग्राम (सीआरपी) के तहत कैचअप प्रोग्राम चलाकर छात्रों का आधार मजबूत करने का दावा किया जा रहा है। 

खेल-खेल में छात्रों को पुराना सिलेबस करवाना है। अब शिक्षकों की सिरदर्दी है कि आखिर स्कूल के छह घंटे तक खेल-खेल में पुराना सिलेबस कितना पढ़ाया जाए। इससे रोचकता की जगह बोरियत महसूस हो रही है और होशियार विद्यार्थी स्कूल आना छोड़ रहे हैं। सीआरपी तो महज एक से दो घंटे ही चलता है, बाकी समय खाली बैठकर टाइमपास किया जाता है। मई के बाद फिर गर्मियों की छुट्टियां हो जाएंगी। इससे मंथली टेस्ट पर भी असर पड़ेगा। शिक्षकों के साथ छात्रों ने भी किताबें मिलने से निराशा जाहिर की। 
खामियां छिपाने को चलाया यह प्रोग्राम : कादियान 
राजकीयप्राथमिक संघ के जिला प्रधान रामराज कादियान कहते हैं कि विभाग ने समय पर किताबें नहीं भिजवा सकने की अपनी खामियों को छिपाने के लिए ही क्लास रेडीनेस प्रोग्राम चलाया है। यदि बच्चों को नए सत्र की किताबों से पढ़ाई कराई जाती तो ज्यादा बेहतर होता। 
31 मई तक चलेगा प्रोग्राम 
"किताबों के वितरण में कोई देरी नहीं है। 31 मई तक छात्रों में कैचअप पावर बढ़ाने के लिए गत सत्र के पाठ्यक्रम से ही पढ़ाई कराई जानी है। इस प्रोग्राम से छात्रों को काफी लाभ होगा। किताबों का वितरण भी जल्द शुरू होगा"-- एनके वर्मा, असिस्टेंट डायरेक्टर, शिक्षा विभाग 
पिछले वर्ष जुलाई तक हुआ था वितरण 
शिक्षकबताते हैं कि गत सत्र में किताबों का वितरण जुलाई के अंतिम सप्ताह तक हुआ था, इसकी वजह से दो से तीन माह के मंथली टेस्ट नहीं हो पाए थे। इस बार भी अब तक चार बार स्कूलों की तरफ से छात्रों की संख्या के आधार पर मांगपत्र दिया जा चुका है, लेकिन विभाग की तरफ से अभी तक किताबें उपलब्ध कराने के लिए कोई आदेश नहीं मिला है। 
क्लास रेडीनेस प्रोग्राम चलाने का आया शेड्यूल 
गांधीनगर स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में 130 बच्चे हैं। शिक्षिका प्रतिमा ने बताया कि क्लास रेडीनेस प्रोग्राम चलाने का शेड्यूल आया हुआ है, उसी आधार पर अध्यापन कार्य चल रहा है। वर्तमान सत्र की किताबों का वितरण अी शुरू नहीं हुआ है। 
इधर,बालभवन रोहतक स्थित राजकीय मॉडल माध्यमिक विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक में 105 और कक्षा छह से आठ तक में 97 विद्यार्थी हैं। मौजूदा सत्र की किताबें आने की बात कहते हुए हेडमास्टर अशोक कुमार ने बताया कि विभाग की तरफ से क्लास रेडीनेस प्रोग्राम के जरिये पिछले सत्र की किताबों से पढ़ाई कराने का आदेश है। इसलिए हम रिवीजन कराने में जुटे हैं। 

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