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Thursday 20 April 2017

प्रदेश की तीनों तकनीकी यूनिवर्सिटी को बनाने होंगे कैंपस में शिक्षा विभाग

** संबद्धता रखने वाले कॉलेजों को नियंत्रित करने को उठाया कदम
कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के प्रदेश की तीन तकनीकी यूनिवर्सिटी वाईएमसीए फरीदाबाद, चौ. दीनबंधु छोटूराम यूनिवर्सिटी मुरथल गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार के साथ बीएड कॉलेज जोड़ने के फैसले के बाद अब तीनों यूनिवर्सिटी को अपने कैंपस में शिक्षा विभाग स्थापित करना होगा। इसका कारण बीएड के लिए बोर्ड ऑफ स्टडीज का गठन करना है। जिसके बिना तो बीएड का सिलेबस फाइनल हो सकता और ही बीएड कॉलेज की मॉनीटरिंग की जा सकती। 
डीन ऑफ कॉलेज भी बनाना होगा 
अब तक अपने ही कैंपस के कोर्स को संभालने वाली तकनीकी यूनिवर्सिटी को डीन ऑफ कॉलेज भी बनाना होगा। ताकि संबद्धता रखने वाले कॉलेजों को नियंत्रित किया जा सके। 
विभाग के शिक्षकों की बनती है बोर्ड ऑफ स्टडीज 
बीएडकोर्स की बोर्ड ऑफ स्टडीज के लिए संबंधित यूनिवर्सिटी के विभाग के चेयरपर्सन, दो प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रो. और दो असिस्टेंट प्रो. सहित संबंधित कॉलेजों में से 10 साल के अनुभव वाले शिक्षक को शामिल किया जाता है। बोर्ड ऑफ स्टडीज कोर्स का काम सिलेबस तैयार करना, पेपर सैट करना, परीक्षकों का चुनाव करना और परीक्षा का स्वरूप तय करना होता है। इन सभी चीजों के बिना किसी भी कोर्स को नहीं चलाया जा सकता। इसलिए इसका प्रावधान यूनिवर्सिटी के स्टेच्यू में किया है। 
सरकार की पॉलिसी अनुसार जुटाएंगे संसाधन : 
वाईएमसीए फरीदाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. दिनेश अग्रवाल के मुताबिक सरकार की पॉलिसी के अनुसार विशेषज्ञों को लेकर बीएड कॉलेजों को संचालित करने को संसाधन जुटाए जाएंगे। मंत्रिमंडल का यह फैसला सबका साथ-सबका विकास वाला है। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि एडहॉक बोर्ड ऑफ स्टडीज तैयार करने अन्य सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। वाईएमसीए तकनीकी यूनिवर्सिटी है और सभी संबंधित कॉलेजों को तकनीक से जोड़कर आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।
एडहॉक बोर्ड बना सकती हैं यूनिवर्सिटी : 
तीनों तकनीकी यूनिवर्सिटी एकदम से शिक्षा विभाग तैयार नहीं कर सकती। ऐसे में यूनिवर्सिटी के सामने एडहॉक बोर्ड बनाने का विकल्प है। जिससे आसपास की यूनिवर्सिटी के संबंधित विभाग के शिक्षकों को लेकर एडहॉक बोर्ड ऑफ स्टडीज तैयार की जा सकती है ताकि शुरूआत में कोर्स को संचालित किया जा सके। इसके बाद तकनीकी यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर विभाग तैयार कर बोर्ड ऑफ स्टडीज तैयार कर सकती हैं।

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