रोहतक : पीजीटी फाइन आर्ट्स एसोसिएशन हरियाणा कार्यकारिणी की एक मीटिंग सोमवार को
शहर में की गई। मीटिंग में भिवानी बोर्ड व सरकार की ओर से नियमों की अनदेखी
कर जनवरी 2019 में एचटेट 2018 की परीक्षा कराने का शेड्यूल निकालने को
लेकर विचार विमर्श किया गया। मीटिंग में उम्मीदवारों ने फैसला लिया कि
परीक्षा को रुकवाने के लिए हाईकोर्ट का सहारा लेना मजबूरी बन गया है।
क्योंकि सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। अधिवक्ता तेजपाल ढुल, लोकेश के
मलिक ने कहा है कि सरकार उक्त परीक्षा नियमों के विरुद्ध ले रही है। इसलिए
वे उम्मीदवारों की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में आज याचिका
दाखिल करेंगे। राज्य प्रधान दिग्विजय जाखड़ ने कहा कि सरकार नियमों का
उल्लंघन करके केवल गलत तरीके से बेरोजगार युवकों से एचटेट के नाम पर
रेवेन्यू एकत्रित कर रही है। उच्च न्यायालय में एचटेट को तथा सर्विस रूल
2012 को केस नं - सीडबल्यूपी. 11147/2018 टाइटल बबीता व अन्य बनाम स्टेट
आॅफ हरियाणा व अन्य मामले में चैलेंज किया हुआ है जिसकी सुनवाई 13 दिसंबर
2018 है। इस प्रकरण पर उच्च न्यायालय ने सरकार को नोटिस भी जारी कर रखा है
लेकिन सरकार जानबूझकर अपना जवाबदावा दायर नहीं कर रही ताकि बेरोजगार युवकों
से एचटेट के नाम पर रेवेन्यू जनरेट किया जा सके। मीटिंग में कार्यकारिणी
सदस्य संजय दादरी, एडवाइजर सुरजीत, उप प्रधान संजय, कोषाध्यक्ष रजनीश,
रेनू, बबीता, सरविंदर मौजूद रहे।
फाइन आर्ट्स के साथ संगीत, मनोविज्ञान विषय के शिक्षकों की है कमी :
एसोसिएशन
फॉर प्रोटेक्शन ऑफ ह्यूमन एंड सिविल राइट्स के प्रेसीडेंट विजयदीप पंघाल
ने बताया कि फाइन आर्ट्स विषय के साथ-साथ संगीत, मनोविज्ञान आदि अन्य
विषयों के शिक्षकों की भी प्रदेश में भारी कमी है जिसके संदर्भ में झज्जर,
रोहतक व आस-पास के कई जिलों की ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने पत्र लिखकर इस
बाबत मदद करने को कहा है। विजयदीप ने बताया कि कला, संगीत एवं कौशल सभी एक
दूसरे के पूरक हैं। यह विषय बच्चों के ही नहीं बल्कि बड़ों का भी तनाव दूर
करते हैं तथा रोजगार में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए जल्द प्रदेश में सभी
स्वीकृत पदों पर शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए, जिससे विद्यार्थी अपनी
पसंद के अनुसार विषय पढ़ सकें।
50 लोगों ने सरकार को दी रिप्रेजेंटेशन
कार्यकारिणी के एडवाइजर सुरजीत सिंह ने बताया की करीब दो महीने
पहले लगभग 50 के करीब लोगों ने हरियाणा सरकार को भी रिप्रेजेंटेशन दी है
जिसमें मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, राज्यपाल शामिल हैं, लेकिन आज तक कोई
कार्रवाई नहीं हुई। एनसीटीई के अनुसार, लेवल-1, पहली कक्षा से लेकर पांचवीं
कक्षा तक तथा लेवल-2, छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक ही उक्त परीक्षा का
आयोजन करवाने का उल्लेख है जबकि सरकार नियमों को ताक पर रखकर पीजीटी0
लेवल-3, नौंवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक की परीक्षा भी ले रही है जबकि पूरे
देश में कहीं भी पीजीटी के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा नहीं होती है।
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