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Saturday, 17 November 2018

हाईकोर्ट की डेडलाइन 30 तक, 50 हजार कर्मियों की नौकरी पर संकट

** हाईकोर्ट के आदेश : 6 माह में कच्चे कर्मियों को हटा नई भर्ती करे सरकार
** हाईकोर्ट के आदेश को प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दे रखी है चुनौती
राजधानी हरियाणा : कांग्रेस सरकार की नीति के तहत नियमित हुए 4645 कर्मचारियों के अलावा अनुबंध पर लगे करीब 45 हजार कर्मचारियों को हटाकर नई तरीके से भर्ती करने के हाईकोर्ट की ओर से दी छह महीने की अवधि नजदीक आ चुकी है। 

हाईकोर्ट ने यह आदेश 30 मई को दिए थे। सरकार के पास 30 नवंबर तक का वक्त है। हालांकि सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए याचिका लगाई है, लेकिन उस पर ऑब्जेक्शन होने पर सरकार ने उन्हें ठीक कर दोबारा याचिका दाखिल की है, लेकिन यह स्वीकार नहीं हुई है। इन कर्मचारियों की नौकरी अब खतरे में है। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार से माॅनसून सत्र में अध्यादेश लाने की मांग की थी, ताकि हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बची रहे। संघ जल्द हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की मीटिंग बुला कर आगामी रणनीति की घोषणा करेगा। 
संघ को दिया था ड्राफ्ट, विधानसभा में नहीं आ अाया बिल 
सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले विधानसभा के मानसून सत्र में बिल पारित कर हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को लेकर आंदोलन चलाया था। सरकार विधानसभा सत्र में बिल लाने इसका ड्राफ्ट भी संघ को भेज दिया था। संघ ने इसमें कुछ सुझाव दिए थे लेकिन सरकार यह बिल लेकर नहीं आई। इस पर कर्मचारियों ने सत्र के दौरान विधानसभा घेराव के लिए कूच किया तो चंडीगढ़ बॉर्डर पर उन पर लाठी चार्ज भी हुआ था। 
हाईकोर्ट का फैसला 
हुड्‌डा सरकार ने आखिरी वर्ष 2014 में 4 नियमतिकरण पॉलिसी बनाई। 4645 कर्मचारी स्थाई हो गए, लेकिन मामला कोर्ट चला गया। 30 मई को हाईकोर्ट ने कहा कि यह नीति चुनावी लाभ के लिए थी। इन कर्मियों के कच्चे कर्मियों को हटाकर 6 माह में नई भर्ती की जाए। 
सरकार का कदम 
भाजपा सरकार ने इनेलो और कांग्रेस के प्रतिनिधियों से बातचीत की। बाद में सरकार की ओर से इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई, लेकिन उस पर कुछ ऑब्जेक्शन हाे गए। इन्हें ठीक कर दोबारा याचिका लगाई गई है। 
कोशिश जारी है: एजी 
" कर्मचारियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की हुई है। 26 नवंबर को केस लग रहा है। हम अपना पक्ष रखेंगे। सरकार कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए पूरी कोशिश कर रही है।"-- बलदेव राज महाजन, एडवोकेट जनरल। 

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