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Sunday 26 June 2016

134ए : मेधावी बनने का 3 जुलाई को फिर मौका

** पहले 41 हजार में से 14 हजार ही 55% से ज्यादा अंक ले बने थे फ्री दाखिले के पात्र 
** वही दे पाएंगे टेस्ट जिन्होंने पहले किए थे आवेदन 
चंडीगढ़/पानीपत : स्कूल शिक्षा नियम 134ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में फ्री दाखिले से वंचित बच्चों को सरकार ने अब आखिरी बार एक और मौका दिया है। अब ये बच्चे 3 जुलाई को ब्लॉक लेवल पर होने वाले टेस्ट में फिर से शामिल हो सकेंगे। इससे पहले इन बच्चों के लिए 1 मई को टेस्ट आयोजित किया गया था। 5 मई को नतीजा घोषित किया था। 
टेस्ट देने वाले 41 विद्यार्थियों में से 14 हजार की मेधावी (मेरिटोरियस) की श्रेणी में आए थे। टेस्ट में 55 फीसदी से अधिक अंक पाने वालों को ही मेधावी की श्रेणी में मानकर दाखिले का पात्र माना था। शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि 3 जुलाई को होने वाले टेस्ट में केवल वही बच्चे शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने पहले से आवेदन कर रखा है और मई के टेस्ट में पास नहीं हो पाए थे। क्योंकि अभिभावकों का कहना था कि इन बच्चों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला था, इसलिए उन बच्चों को सरकार ने एक और मौका देने का निर्णय लिया है। 
इस टेस्ट में नए बच्चे शामिल नहीं हो पाएंगे। 55 फीसदी अंक पाने वाले ही मेधावी की श्रेणी में माने जाएंगे। इधर, नियम 134ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलवाने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के अध्यक्ष सतबीर हुड्डा ने सभी अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे पूरी तैयारी के साथ अपने बच्चों को 3 जुलाई का टेस्ट दिलवाएं।
पढ़ाई बाधित होगी 
अभी तक उन 14 हजार में से भी ज्यादातर छात्रों को दाखिला नहीं मिला है, जिन्होंने पहले टेस्ट पास किया है। रोहतक में तो कुछ स्कूल संचालकों के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा भी दायर किया गया। अब दोबारा टेस्ट पास करने वालों को कैसे मिलेगा, इस पर सरकार ने रुख स्पष्ट नहीं किया है। निजी स्कूल पहले ही हाईकोर्ट में 134ए को चुनौती दे चुके हैं। स्कूलों में दाखिले पहले ही बंद हो चुके हैं। ऐसे में दाखिले में देरी होने से पढ़ाई बाधित होगी। 
शर्तें मनवाने की कोशिश में निजी स्कूल 
प्रदेश के निजी स्कूल बिना प्रतिपूर्ति के 134ए लागू करने का विरोध करते रहे हैं। 5 मई ो पहले टेस्ट का रिजल्ट घोषित होते ही निजी स्कूल हड़ताल पर चले गए थे। बाद में सरकार ने निजी स्कूलों की कुछ मांगे मानने और 500 से 700 रुपए प्रति छात्र प्रतिपूर्ति देने का समझौता किया था। अब सरकार दोबारा टेस्ट लेने की तैयारी कर रही तो निजी स्कूलों ने भी अपनी मांगें मनवाने का दबाव बढ़ा दिया है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि प्राइवेट स्कूल बसों की आयु सीमा बढ़ाकर 20 साल की जानी चाहिए। प्राइवेट स्कूलों ने परमिट रिन्युअल फीस 850 से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने को फैसला वापस हो। मान्यता नियमों में छूट मिले।                                                   db

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