नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्याल के फाइनेंस ऑफिसर ने कॉलेजों को पत्र लिखकर
यह स्पष्ट कर दिया है कि 62 वर्ष से अधिक उम्र वाले फिजिकल एजुकेशन के
शिक्षकों से सेवाएं न ली जाएं। यदि उनके वेतन का भुगतान हुआ है तो वह उनसे
वसूल लिया जाए। इस पत्र के बाद डीयू के फिजिकल एजुकेशन के शिक्षकों में
आक्रोश है।
फिजिकल एजुकेशन टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने
बताया कि पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि डॉयरेक्टर फिजिकल एजुकेशन
या असिस्टेंट प्रोफेसर जिनकी आयु 62 वर्ष से अधिक है, यदि वह कार्य कर रहे
हैं तो उनके खिलाफ कॉलेज प्रशासन तुरंत एक्शन ले। इसके लिए किसी भी तरह से
विश्वविद्यालय जिम्मेदार नहीं है। इसके बाद लेडी इरविन कॉलेज की प्रिंसिपल
ने वहां कार्यरत शिक्षिका ऊषा को बुलाकर उन्हें दिए गए वेतन की वसूली और यह
मामला गवर्निग बॉडी में ले जाने की बात कही है। डीयू के अन्य शिक्षक भी
इससे डरे हुए हैं। वर्तमान में लगभग 10 शिक्षक ऐसे हैं, जिनकी आयु 62 वर्ष
से अधिक है। डीयू में फिजिकल एजुकेशन के शिक्षकों को असिस्टेंट प्रोफेसर के
बराबर माना गया है और यहां पहले भी फिजिकल एजुकेशन के शिक्षक 65 वर्ष की
आयु में सेवानिवृत हुए हैं। इन प्रावधानों को डीयू की विद्वत परिषद और
कार्यकारी समिति के समक्ष पास किया गया है। ऐसे में डीयू के फाइनेंस ऑफिसर
द्वारा लिखा गया पत्र उचित नहीं है। प्रदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस
मामले को लेकर डीयू के कुलपति प्रो. योगेश त्यागी को पत्र लिखा है। जल्द ही
हम उनसे मिलने जाएंगे क्योंकि यह करीब 10 शिक्षकों की नौकरी का मामला है। dj
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