चंडीगढ़ : प्रदेश के छात्र 11 वीं तक ही श्रीमद्भागवत गीता के सभी 18 अध्यायों का सार समझ लेंगे। जबकि 12वीं कक्षा में उन्हें गीता के महत्वपूर्ण 18 श्लोकों के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा नैतिक शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रमुख क्रांतिकारी वीर सावरकर, भगवान महावीर समेत कई महापुरुषों के बारे में बताया जाएगा। सरकार हालांकि अब तक दावा कर रही थी कि पाठ्यक्रम में कुरान, बाइबल और गुरुग्रंथ साहिब समेत तमाम धर्मों की अच्छी बातों को भी शामिल किया जाएगा। नैतिक शिक्षा की पुस्तकों में इन धर्म ग्रंथों से अच्छी बातों को केवल औपचारिकता के तौर पर ही शामिल किया गया है। कक्षा 6 से 10वीं तक की पुस्तकों में तो कुरान, बाइबल आदि धर्म ग्रंथों के एक-दो वाक्य ही शामिल किए हैं, जबकि एक पुस्तक में ईसा मसीह और भगवान महावीर का चैप्टर दिया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीमद भगवद् गीता सदन में होने वाले एक समारोह में इन पुस्तकों का विमोचन कराया जाएगा। इस कार्यक्रम में हरियाणा एवं पंजाब के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी मुख्य अतिथि और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत विशिष्ट अतिथि होंगे। जबकि हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि स्वामी ज्ञानानंद जी के सानिध्य में होने वाले इस कार्यक्रम में करीब 15 अन्य अतिथि भी मौजूद रहेंगे। db
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