जींद : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य उपप्रधान धर्मेन्द्र ढांडा के नेतृत्व में मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को रिवर्ट करने के आदेशों से उत्पन्न स्थिति व नई तबादला नीति बारे निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा से मिला व मुख्य अध्यापकों को रिवर्ट करने पर अपना कड़ा विरोध दर्ज करवाया ।
जिला सचिव वेदपाल रिढ़ाल ने कहा कि अध्यापक संघ की मांग पर निदेशक महोदय ने मुख्य अध्यापकों के आदेशों पर रोक लगा दी है व अध्यापक फिलहाल उसी तरह अपने स्कूलों में कार्य करते रहेंगे । इसके इलावा निदेशक महोदय ने योग्यता पूरी करने वाले अध्यापकों के पदोन्नति आदेश भी दो दिन में जारी करने का आश्वासन दिया है । जो अध्यापक योग्यता पूरी करते हैं उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है इनके आदेश जल्द जारी होंगे व अध्यापक तब तक किसी कोर्ट केस के चक्कर में पड़कर अपने पैसे बर्बाद न करें । कोर्ट केस के नाम पर कुछ लोगों ने उगाही करनी भी शुरू कर दी है । तबादला प्रक्रिया बारे निदेशक महोदय ने कहा कि लिंक जल्द ही चालू हो जाएगा व पीजीटी अध्यापकों के लिए स्कूलों के चयन की डेट बढ़ाई जाएगी ।
राज्य संगठन सचिव बलबीर सिंह व जिला प्रधान चांदबहादुर ने कहा कि 1 जुलाई को निदेशक के प्रदेशभर के 1982 मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को वापस करने के आदेश का अध्यापक संघ विरोध करता है।
उन्होंने कहा कि इस फैसले के विरोध में प्रदेशभर के मौलिक विद्यालय मुख्याध्यापकों व शिक्षकों में रोष है। विभाग ने बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए ये तुगलकी आदेश जारी कर दिए जबकि इस सूची में अधिकतर मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों की सभी योग्यताएं पूर्ण करते हैं। वापस किए गए 85 प्रतिशत मौलिक स्कूल मुख्याध्यापक उपरोक्त पद की सभी योग्यताएं पूरी करते हैं और उन्हें बिना कारण बताओ नोटिस दिए पदोन्नति सूची आदेश को वापस करने का जो आदेश जारी किया है, वह पूरी तरह से गैर कानूनी है।
जिला प्रैस सचिव भूप सिंह वर्मा ने कहा कि मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को टीजीटी के समान वर्कलोड दिया जाना भी गलत है एक अध्यापक व मुख्याध्यापक में अंतर ही क्या रह जाएगा जबकि एक मुख्याध्यापक को हजार तरह के दूसरे प्रशासकीय कार्य भी करने होते हैं ।इन मुख्याध्यापकों को वापस करने से टीजीटी शिक्षकों को सरप्लस करने का रास्ता तैयार किया जा रहा है। रेशनेलाइजेशन का फार्मूला शिक्षा सुधार के दृष्टिकोण की बजाय अध्यापकों को सरप्लस करने के लिए तैयार किया गया है। अव्यवहारिक रेशनलाइजेशन व नई तबादला नीति का अध्यापक संघ विरोध करता है । इस प्रकार की नीतियाँ सरकारी स्कूलों को बंद करने व अध्यापकों को परेशान करने के उद्देश्य से बनाई जा रही हैं ।
अध्यापक संघ ने निर्णय लिया कि यदि एक सप्ताह के अंदर-अंदर आदेश रद नहीं हुए व योग्यता पूरी करने वाले अध्यापकों के पदोन्नति आदेश जारी नहीं हुए और रेशनलाइजेशन व तबादला नीति में सुधार नहीं किया गया तो अध्यापक संघ शिक्षामंत्री के आवास पर राज्यस्तरीय प्रदर्शन करेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी ।
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