चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में तबादले से पहले शिक्षा विभाग ने टीचर का रेशनेलाइजेशन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभाग ने सारी तैयारी पूरी कर ली है। छह जुलाई को सभी डीईओ की मीटिंग भी बुला ली गयी है। डीइओ को यह भी निर्देश दिए गए कि वे अपने अपने क्षेत्र के स्कूल के सरप्लस टीचर स्टाफ का डाटा भी साथ लाए। मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए निर्देश के अनुसार प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया पहले राउंड में की जाएगी। इस साल 31 मार्च तक किए हुए दाखिलों के आधार पर ही रेशनेलाइजेशन किया जाएगा।
आरटीई के नियमानुसार जिला अंबाला में 1375, भिवानी में 2312, फरीदाबाद में 1498, फतेहाबाद में 1655, गुडगांव में 1787, हिसार में 2222, झज्जर 907, जींद 1846, कैथल 1631, करनाल 2051,कुरुक्षेत्र 1569, महेंद्रगढ़ 1298, मेवात 3407, पलवल 1961, पंचकूला 985,पानीपत 1306, रेवाड़ी 1158, रोहतक 934, सिरसा 2222, सोनीपत 1674, यमुनानगर में 1778 जेबीटी और हैड टीचर के कुल 35576 पद बनते हैं।
मैथ-हिंदी टीचर हो सकते हैं सरप्लस
रेशनेलाइजेशनमें माना जा रहा है कि मैथ हिंदी के टीचर सरप्लस हो सकते हैं। इसी आधार पर पहले भी रेशनेलाइजेशन का विरोध हुआ था। दूसरी दिक्कत यह है कि सरप्लस टीचर को क्योंकि दूसरे स्कूल में बदला जाएगा, ऐसे में टीचर इस नीति का विरोध भी कर रहे हैं। उन टीचर को ज्यादा दिक्कत आएगी जिन्हें दूर दराज के स्कूलों में नियुक्ति मिलेगी। db
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