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Sunday, 3 July 2016

एडिड स्कूलो के स्टाफ को नहीं मिल रहा वेतन

** विभाग की ओर से नहीं हो रही सुनवाई, सरकार की व्यवस्था से भी हाे रही परेशानी 
सोनीपत : एडिड स्कूलों का स्टाफ परेशान है। उनकी परेशानी की वजह है सरकार की ओर से उन्हें लेकर लगातार बदली जा रहीं व्यवस्थाएं। कभी उन्हें राजकीय स्कूलों में शामिल कर भविष्य सुरक्षित करने के ऐसे सपने दिखाए जाते हैं जिसे सरकार फिर खुद ही तोड़ती है, तो कभी संस्थाओं की मनमर्जी को खत्म करने के लिए वेतन डीईओ कार्यालय से रिलीज करने की बात कही जाती है। लेकिन पूर्व की तरह इस बार अभी तक यह फैसला भी धरातल पर लागू नहीं हो सका है। 
विभाग का दावा यह है कि यह फैसला हर हाल में लागू होगा, लेकिन एडिड स्कूलों का स्टाफ इसलिए चिंतित है कि मई ही नहीं जून माह का भी वेतन उन्हें अभी तक नहीं मिल सका है। वे संस्था पदाधिकारियों से कुछ कह नहीं पा रहे हैं और विभाग की ओर से भी उनकी सुनवाई हो नहीं रही। 
पहले यह थी व्यवस्था
पहले अनुदान प्राप्त विद्यालयों में एडिड पदों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों अध्यापकों को उनका शत प्रतिशत वेतन स्कूल मैनेजमेंट के माध्यम से ही दिया जाता था। जिसके अन्तर्गत वेतन की 75 प्रतिशत राशि, सरकार द्वारा अनुदान के रूप में बाद में स्कूल प्रबंधकों कोे दे दी जाती थी, लेकिन बहुत से एडिड स्कूलों के अध्यापकों द्वारा वेतन नहीं मिलने की शिकायत बार-बार शिक्षा विभाग सरकार को की जा रही थी। 
सरकार ने यह उठाया कदम
एडिड स्कूल स्टाफ से मिल रही निरंतर शिकायत के बाद सरकार ने तय किया कि एडिड स्कूलों के संबंधित अध्यापकों कर्मचारियों को प्रति माह उनकी वेतन राशि सीधे उनके बैंक अकाउंट में एस्क्रो खाते के माध्यम से दी जाएगी। ताकि एडिड स्कूलों में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके। बताया गया है कि इस एस्क्रो अकाउंट की ग्रांट शिक्षा निदेशालय द्वारा अग्रिम रूप से पहले ही जिला शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है। 
फिर भी नहीं मिल रहा है वेतन 
डीईओ कार्यालय में वेतन आने के बावजूद एडिड स्कूल स्टाफ को वेतन नहीं मिल रहा है। जबकि कई एडिड स्कूलों ने तो पहले ही एस्क्रो अकाउंट खुलवाया हुआ था और उनके स्कूल प्रबंधकों ने अपने कर्मचारियों के वेतन की 25 प्रतिशत राशि भी जिला शिक्षा कार्यालय में सैलरी बिलों के साथ दी हुई है। इसके बाद भी उन्हें वेतन अभी तक नहीं मिल पाया है, ऐसे में छुट्टियों में बाहर घूमना तो दूर बिना सैलरी के उन्हें अपने घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया। 
इन स्कूलों के एडिड स्टाफ को वेतन नहीं 
व्यवस्था सही नहीं होने का खामियाजा सोनीपत के एसएम हिंदू वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सीआरजेड स्कूल, भाई खेमचंद स्कूल, हिंदू कन्या स्कूल, आर्य कन्या स्कूल, बाल मंदिर, मैथोडिस्ट मिशन स्कूल, डीवी पब्लिक स्कूल, सोनीपत हिंदू कन्या स्कूल, संस्कृत स्कूल बहालगढ़, श्रीराम मंदिर स्कूल, टीका राम कन्या स्कूल, कन्या गुरुकुल, मार्डन मिडल स्कूल, आर्य स्कूल गोहाना, आर्य स्कूल मोहाना, हरियाणा हाई स्कूल, जनता स्कूल बुटाना जनता स्कूल गन्नौर शामिल हैं। 
डीईओ कार्यालय की गलती नहीं 
"इस मामले में डीईओ कार्यालय की कोई गलती नहीं है। सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपना ईपीएस डीईओ कार्यालय में जमा करवाएं। इसके जमा होने पर डीईओ कार्यालय की ओर से कोई देरी नहीं होगी।''-- जिले सिंह,डीईओ सोनीपत                                        db

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