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Saturday 31 December 2016

वेतन विसंगति सुलझाएगी विसंगति एवं समाधान समिति


चंडीगढ़ : वेतन विसंगतियों के विरोध में कर्मचारियों के तीखे होते जा रहे तेवरों को शांत करने के लिए प्रदेश सरकार ने अहम कदम उठाया है। कर्मचारी संगठनों की मांगों पर विचार करने और सरकार को सुझाव देने के लिए वेतन विसंगति एवं समाधान समिति बनाई गई है। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी राघवेंद्र राव इसके चेयरमैन होंगे। समिति में तीन सदस्य और एक सदस्य सचिव को शामिल किया गया है। 
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने शुक्रवार को बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्तमुख्य सचिव पीके दास और खनन एवं भू-विज्ञान तथा आइटीआइ विभागों के प्रधान सचिव एके सिंह को समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। वित्त विभाग की वेतन संशोधन शाखा से संबंधित संयुक्त सचिव या विशेष सचिव को सदस्य सचिव बनाया गया है। यह समिति माधवन समिति द्वारा की गई सिफारिशों पर कर्मचारियों की आपत्तियों पर सुनवाई करेगी। साथ ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन के लिए गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट तथा कर्मचारियों द्वारा उठाए गए नए मुद्दों और मांगों पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सातवें वेतन आयोग की संशोधित सिफारिशों को लागू किया जा चुका है और अगर अब भी कर्मचारियों की कोई मांग आती है तो समिति उसकी भी सुनवाई करेगी। इससे पहले सेवानिवृत्त मुख्य सचिव जी माधवन की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति आयोग ने सरकार को 10 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें करीब 55 हजार कर्मचारियों को एसीपी का लाभ देने की सिफारिश की गई थी जिनका वेतनमान या ग्रेड पे एक जनवरी 2006 के बाद बढ़ाया गया। इसके अलावा 6 अप्रैल, 2015 की आउटसोसिर्ंग पालिसी पार्ट-2 के तहत लगे सभी कर्मियों को कैलेंडर वर्ष में 10 आकस्मिक और 10 दिन का मेडिकल अवकाश की सुविधा दी गई थी। इन सिफारिशों के बावजूद कर्मचारी आयोग की रिपोर्ट से खुश नहीं दिखे। मुख्य शिकायत थी कि सिफारिशों का लाभ बोर्ड-निगमों, यूनिवर्सिटी और स्थानीय निकायों में लगे कर्मचारियों को नहीं दिया गया। पंजाब के समान वेतनमान की मांग को भी नकार दिया गया। कर्मचारियों के विरोध के बाद सरकार ने वेतन विसंगति एवं समाधान समिति का गठन कर दिया है। 
एनएचएम कर्मियों को मिलेगी चिकित्सा छुट्टी
राज्य में सेवारत 590 बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य सुपरवाइजरों (एमपीएचएस) को सीयूजी सिम दिए गए हैं। प्रत्येक सिम पर 100 रुपये की मासिक टॉक वेल्यू दी जा रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत अनुबंध पर लगे कर्मचारियों को चिकित्सा अवकाश (मेडिकल लीव) दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को भी पूरा कर दिया गया है। एमपीएचएस पुरुषों की ग्रेडेशन लिस्ट जारी कर वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है, जबकि महिला एमपीएचएस की लिस्ट 31 मार्च तक जारी होगी। उन्होंने कहा कि विभाग में कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है, जिसके लिए उत्कृष्ट काम करने वाले कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
कर्मचारियों के सुझावों पर होगा अमल 
"कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने और उनकी समस्याओं के निदान के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह गंभीर है। देशभर में हमने सबसे पहले अपने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया। कर्मचारियों की जो अन्य मांगें रह गई हैं, उन पर विचार करने के लिए समिति बनाई गई है। कर्मचारियों के सुझावों पर पूरी तरह अमल होगा।"-- कैप्टन अभिमन्यु, वित्त मंत्री। 

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