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Thursday 14 July 2016

हरियाणा में घट गए हिंदी के शिक्षक, संस्कृत के तीन गुना ज्यादा

चंडीगढ़ : स्कूली पाठ्यक्रम में गीता को शामिल करने के बाद सरकार ने इसे पढ़ाने वालों का भी प्रबंध कर दिया है। संस्कृत श्लोकों को समझाने के लिए अध्यापकों की संख्या बढ़ाई गयी है। संस्कृत के शिक्षकों की संख्या हिंदी शिक्षकों के मुकाबले तीन गुणा से भी ज्यादा कर दी गई है। शिक्षा विभाग द्वारा मास्टर (टीजीडी) तथा सी एंड वी शिक्षकों के लिए किए गए रेशनेलाइजेशन (शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात) के बाद प्रदेश में हिंदी शिक्षकों की संख्या घट गई है।
मिडल स्कूलों के शिक्षकों के रेशनेलाइजेशन के बाद जो तस्वीर उभर कर सामने आई है, उसमें प्रदेश में साइंस, अंग्रेजी, संस्कृत तथा ड्राइंग के शिक्षक तो पर्याप्त हैं, लेकिन हिंदी विषय के शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। हरियाणा में हिंदी पहली से 10वीं कक्षा तक अनिवार्य विषय है। 11वीं और 12वीं में भी आर्ट्स साइड के विद्यार्थियों के लिए हिंदी विषय अनिवार्य है। साइंस व कॉमर्स संकायों के विद्यार्थियों के लिए भी हिंदी विषय अनिवार्य होता है, हालांकि इनका पेपर छोटा होता है। वहीं संस्कृत छठी से आठवीं तक अनिवार्य है।
रेशनेलाइजेशन में प्रदेश के मिडल स्कूलों (छठी से आठवीं तक) में साइंस विषय के कुल 5793 पद स्वीकृत किए गए हैं। गणित के 1855, अंग्रेजी के 5793, सामाजिक विज्ञान के 1855 तथा ड्राइंग के 5421 पद बने हैं। संस्कृत शिक्षकों की संख्या 5738 होगी। हिंदी पढ़ाने वाले शिक्षकों का आंकड़ा मात्र 1652 तय किया गया है। पंजाबी राज्य की दूसरी भाषा है और इसके लिए भी स्कूलों में 1173 पद मंजूर किए गए हैं।
अध्यापक संघ ने जतायी नाराजगी : 
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ ने रेशनलाइजेशन का विरोध किया है। संघ नेता मदनलाल पाल, प्रवीन तायल, कृष्ण कुमार निनानिया व सुशील कौशिक ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। हरियाणा हिंदी भाषी प्रदेश है फिर भी सरकार ने हिंदी विषय को दूसरे पायदान पर ला खड़ा किया है।
एसएस मास्टर पढ़ाते हैं अंग्रेजी: 
हरियाणा में अंग्रेजी भी एक अनिवार्य विषय है लेकिन आज तक अंग्रेजी के मास्टरों की भर्ती नहीं हुई है। स्कूल लेक्चरर के रूप में जरूर अंग्रेजी विषय के प्राध्यापकों की भर्ती हुई है आमतौर पर सरकारी स्कूलों में सामाजिक विज्ञान के मास्टर ही अंग्रेजी विषय पढ़ाते हैं।
संस्कृत शिक्षक ही पढ़ाएंगे हिंदी
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या नियमों के अनुसार नहीं है, वहां हिंदी के बजाय संस्कृत का शिक्षक ही नियुक्त होगा। यही शिक्षक संस्कृत के साथ-साथ हिंदी पढ़ाएंगे। यानी वैकल्पिक विषय के शिक्षक को अनिवार्य विषय की पढ़ाई का जिम्मा सरकार ने सौंप दिया है।
शिक्षा मंत्री के जिले में केवल 26 हिन्दी शिक्षक
प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रो़ रामबिलास शर्मा के गृह जिले महेंद्रगढ़ (नारनौल) को हिंदी विषय के केवल 26 शिक्षक ही मिले हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का जिला भी रेशनेलाइजेशन से अछूता नहीं रहा है। इस जिले में भी हिंदी विषय के नाम पर 26 ही शिक्षक मिले हैं। हिसार में हिंदी के सबसे अधिक 137 शिक्षक हैं।                                          dt

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