.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Monday 18 July 2016

सरकारी स्कूल के बच्चों ने गुल्लक बैंक बनाया ताकि उनके गरीब दोस्त भी इंजिनियर तथा डाक्टर बन सके

** घर से मिलने वाले पैसे जमा करते हैं, इस पहल से गत वर्ष दो-दो बच्चों का आईआईटी और पीएमटी में चयन 
रेवाड़ी : आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, रेवाड़ी का एक सरकारी स्कूल है। यहां करीब 1000 बच्चों ने पहल करके बाल गुल्लक बनाई है। ताकि 12वीं तक उनके किसी भी दोस्त की पढ़ाई पैसों की तंगी की वजह से रुके। ये बच्चे बर्थ-डे पर पार्टी करने की बजाय पैसे बचाकर गुल्लक में जमा करते हैं। और स्कूल या फिर आस-पास के इलाके में दो पेड़ लगाकर जन्मदिन मनाते हैं। बायोलॉजी के लेक्चरर डाॅ. हरिप्रकाश गुल्लक का लेखाजोखा रखते हैं। बताते हैं कि हर साल गुल्लक में 20 हजार रु. जमा हो जाते हैं। 
स्टूडेंट्सके माता-पिता और टीचर भी आर्थिक मदद करने लगे हैंं। इस रकम से स्कूल में ही आईआईटी, पीएमटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है। गुल्लक की मदद से वर्ष 2015 में दो बच्चों का आईआईटी और दो का पीएमटी में चयन हुआ। साल 2016 में 15 बच्चे पहली बार इन परीक्षाओं में शामिल हुए। 
स्कूल में केमेस्ट्री के लेक्चरर डॉ. सत्यवीर नहड़िया ने बच्चों को बाल गुल्लक बनाने का विचार दिया था। वे बताते हैं कि वर्ष 2014 में स्टेट लेवल प्रतियोगिता के लिए स्कूल से 25 विद्यार्थियों का चयन हुआ था। इनमें से आर्थिक रूप से कमजोर दस बच्चों ने जाने से मना कर दिया था। बच्चों को पैसे जुटाकर उनकी मदद करने काे कहा। यहीं से बाल गुल्लक बनाने का विचार आया। बच्चों के प्रयास से खुश जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) धर्मबीर बल्डोदिया कहते हैं कि हम जल्द ही सभी स्कूलों को पत्र लिखकर ऐसा ही गुल्लक बनाने के लिए कहेंगे। 
मास्टरजी से किराया नहीं लेते थे ताकि वे हमें बिना पैसे लिए पढ़ाएं 
"पिता जी जयपाल किसान हैं, हमारा जाजुका गांव में घर है। भागीरथ मास्टरजी मेरे ही घर में किराए पर रहते थे। घर की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी। पिताजी ने मास्टरजी से हमें पढ़ाने काे कहा। बदले में किराया नहीं लेते थे। बाद में मास्टरजी ने मेरा दाखिला आदर्श माध्यमिक स्कूल में करवाया। गुल्लक से मदद ली। वर्ष 2014 में जब 11वीं में पहुंचा तो स्कूल में ही मेडिकल की तैयारी शुरू कर दी। 12वीं में 92% अंक हासिल किए। 2015 में पीएमटी में बैठा। सिलेक्शन हो गया। गुल्लक ने डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर दिया।"-- रामप्रताप, एमबीबीएस, सेकेंड सेमेस्टर, अगरतला मेडिकल कॉलेज 
गुल्लक होता तो किसी छोटी कंपनी में नौकरी कर रहा होता 
"11वींमें था तो पीएमटी की तैयारी के बारे में सोचता था। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिता सुरेंद्र कुमार चांदपुर गांव की ही एक ढाणी में छोटी सी दुकान चलाते थे। पिता की आय से हम भाई बहनों की पढ़ाई और घर का खर्च ही जैसे-तेसे चल रहा था। केमेस्ट्री के गुरुजी से मेडिकल की तैयारी की बात कही। उन्होंने गुल्लक से तैयारी के लिए किताबें उपलब्ध करवाईं। 12वीं में मेरे 90% अंक आए। पीएमटी टेस्ट भी पास कर लिया। अगर गुल्लक की मदद मिलती तो किसी छोटी कंपनी में नौकरी कर रहा होता।"-- नीरजकुमार, एमबीबीएस स्टूडेंट, सेकंड सेमेस्टर, मेवात मेडिकल कॉलेज                                                                                db 

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.