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Tuesday 28 March 2017

तीन साल से 10वीं और 12वीं के बच्चों को संबंधित विषय पढ़ाने वाले ही करेंगे पेपर चेक


** हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी जारी किया नया आदेश
** मूल्यांकन के पहले दिन पेपर चेकिंग सेंटर रहे खाली
अंबाला : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने प्रदेश के उन गुरुजी के  पेपर चेक करने पर रोक लगा दी है, जिन्होंने पिछले तीन साल से सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को संबंधित विषय नहीं पढ़ाया है। इस संबंध में सोमवार को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से प्रदेश के सभी सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल के ¨प्रसिपल और हेड मास्टर को पत्र जारी किया है। पत्र में साफ कहा गया है कि वह ऐसे टीजीटी और पीजीटी को अपने स्कूल से रिलीव न करें, जो 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों को वर्तमान में संबंधित विषय नहीं पढ़ा रहे। इस आदेश का असर हाल ही में संपन्न हुई सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं की परीक्षा के मूल्यांकन पर पड़ा है। 
बता दें कि भिवानी बोर्ड ने बोर्ड की परीक्षाएं खत्म होने के बाद पेपर चेकिंग का शेड्यूल बनाकर मूल्यांकन सेंटर बना दिए गए थे। बोर्ड ने ही ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) की ड्यूटी पेपर चेकिंग में लगाकर जिलावार एक लिस्ट भेज दी गई थी। 
इन आदेशों के मुताबिक 27 मार्च को प्रदेश के सभी प्रिसिंपल और हेड मास्टर को टीजीटी व पीजीटी पेपर चेकिंग ड्यूटी के चलते रिलीव करना था, लेकिन अचानक से आए बोर्ड के पत्र के बाद टीजीटी और पीजीटी को रिलीव नहीं किया गया। ऐसे में सेंटर में मौजूद स्टाफ गुरुजी का इंतजार करते रहे। जब सेंटर के परीक्षकों ने ¨प्रसिपल से बात की तो उन्हें बताया गया कि बोर्ड ने उनकी ड्यूटी रद्द कर दी है।
परिणाम पर पड़ेगा असर हो सकता है लेट 
सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी बोर्ड की परीक्षा परिणाम में बोर्ड के इन आदेशों का असर बोर्ड के परीक्षा परिणाम पर पड़ेगा। बोर्ड से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भर के मूल्यांकन सेंटर में बोर्ड द्वारा ही टीजीटी और पीजीटी की ड्यूटी लगाई गई थी। अब यह ड्यूटी ¨प्रसिपल और हेड मास्टर ही लगाएंगे। इसके बाद मूल्यांकन कार्य इन सेंटरों में शुरू होगा। मूल्यांकन का कार्य 27 मार्च से शुरू होगा और 7 अप्रैल तक चलना है। मगर नए आदेशों के बाद यह कार्य आगे बढ़ सकता है, जिस कारण परिणाम भी लेट हो सकता है।
खुद लगाएं ड्यूटी
बोर्ड सचिव ने मूल्यांकन सेंटर के मुख्य परीक्षक को यह भी आदेश जारी किए हैं कि जिन पीजीटी और टीजीटी द्वारा अपना अनुभव गलत दर्शाया गया है और मुख्य परीक्षक लगा दिया गया है, उनको वह अपने स्तर पर ही ठीक करें। साथ ही बोर्ड को इसकी सूचना भी भेजें।

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