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Wednesday 22 March 2017

सीबीएसई : छठी से नौवीं तक देशभर में एक जैसा होगा असेसमेंट, एग्जामिनेशन और रिपोर्ट कार्ड सिस्टम

** 8वीं तक फेल नहीं, 9वीं कक्षा का परीक्षा पैटर्न और रिपोर्ट कार्ड 10वीं जैसा
** फैसले पर अमल इसी सत्र से
नई दिल्ली : सीबीएसई ने छठी से नौवीं कक्षा तक का असेसमेंट एग्जामिनेशन सिस्टम बदल दिया है। छठी से आठवीं तक देशभर में सीबीएसई से जुड़े सभी 18,688 स्कूल अब साल में दो बार परीक्षा लेंगे। इनका नाम रहेगा टर्म-1 और टर्म-2। इनके आधार पर सभी स्कूल रिपोर्ट कार्ड भी एक जैसा ही जारी करेंगे। नौंवी के लिए परीक्षा व्यवस्था और रिपोर्ट कार्ड 10वीं जैसे रहेंगे। यह व्यवस्था आगामी शैक्षणिक सत्र 2017-18 से ही लागू होगी। मंगलवार को नई व्यवस्था का प्रोफार्मा स्कूलों को जारी कर दिया गया। सीबीएसई के चेयरमैन आरके चतुर्वेदी ने बताया कि इस कवायद का मकसद शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारना है। उन्होंने साफ किया कि नई व्यवस्था में भी आठवीं तक कोई छात्र फेल नहीं किया जाएगा। हालांकि, 32 से कम अंक हुए तो 'ई' ग्रेड के साथ सुधार की जरूरत भी लिखी जाएगी। छठी से आठवीं तक तीन भाषा और दो विषय पढ़ाए जाएंगे। नौंवी में छात्र दो भाषा और तीन विषय पढ़ेंगे। 
अभी यह होता है: 
सीबीएसईसे एफिलिएटिड स्कूलों में असेसमेंट और एग्जाम का पैटर्न एक जैसा नहीं है। कोई 3 तो कोई 4 परीक्षा लेता है। सभी परीक्षाओं का औसत निकालकर सालाना रिजल्ट बनता है। ऐसे में सबके रिपोर्ट कार्ड का पैटर्न भी अलग-अलग रहता है। अब दो ही परीक्षाएं होंगी। 
रिपोर्ट कार्ड पर स्कूल का लोगो भी रहेगा 
स्कूलप्रबंधन को यूनिफॉर्म रिपोर्ट कार्ड के लेफ्ट में सीबीएसई का लोगो अनिवार्य रूप से लगाना होगा। राइट में स्कूल का लोगो रहेगा। रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन भी डालना पड़ेगा। 
नॉलेज के साथ दूसरी एक्टिविटीज भी रहेंगी : 
रिपोर्ट कार्ड में स्पोर्ट्स अन्य एक्टीविटीज की परफॉर्मेंस भी रहेगी। को-स्कॉलिस्टिक एक्टीविटीज बॉक्स में 'ए' ग्रेड यानी आउटस्टैंडिंग, 'बी' माने वैरी गुड और 'सी' यानी फेयर माना जाएगा। अनुशासन कॉलम में भी ऐसी ही ग्रेडिंग रहेगी। इससे स्टूडेंट्स का बहुत ज्यादा रिकॉर्ड रखने का झंझट खत्म होगा। 
फायदा: माइग्रेशनपर आसानी से होगा दाखिला 
रिपोर्टकार्ड एक जैसा होने के बाद माइग्रेशन पर दूसरे राज्य में जाने वाले स्टूडेंट्स का दाखिला आसानी से हो जाएगा। रिपोर्ट कार्ड ऑनलाइन रहेगा। कोई भी स्कूल इन्हें आसानी से जांच सकेगा। 
मकसद: छठीसे ही 10वीं के बोर्ड की तैयारी हो 
सीबीएसईसत्र 2017-18 से 10वीं कक्षा में ग्रेडिंग खत्म कर नंबर सिस्टम लागू कर रहा है। पैटर्न बदलने का मकसद छात्रों को छठी कक्षा से ही 10वीं के बोर्ड के लिए मानसिक रूप से तैयार करना है। 
छठी से आठवीं तक साल में 100-100 मार्क्स की दो परीक्षा
टर्म-1: 
  • 100अंक की होगी। 20 अंक छात्र के व्यवहार और शैक्षणिक गतिविधि के होंगे। बाकी 80 अंक लिखित परीक्षा के। 
  • 20 अंक लिखित परीक्षा से पहले ही तय कर लिए जाएंगे। इनमें से 10 अंक पीरियोडिक टेस्ट के रहेंगे। स्कूल द्वारा पीरियोडिक टेस्ट की घोषणा तक कवर सिलेबस इसमें शामिल किया जाएगा। 
  • बाकी के 10 अंक दो जगह बंटेंगे। 5 नोटबुक सबमिट करने के और 5 अंक विषयों के प्रति छात्र की समझ के लिए दिए जाएंगे। 
  • यह 20 अंक बाद में 80 अंकों की परीक्षा के साथ जोड़े जाएंगे। 
टर्म-2: 
  • 100अंक की ही रहेगी। इसमें भी 20 अंक छात्र की शैक्षणिक गतिविधि के और 80 लिखित परीक्षा के होंगे। 
  • 80 अंक की लिखित परीक्षा में सिलेबस थोड़ा बदलेगा। छठी की परीक्षा में टर्म 2 का पूरा+टर्म 1 का 10% सिलेबस शामिल होगा। 
  • सातवीं के छात्रों के लिए टर्म 2 का पूरा+टर्म 1 का 20% सिलेबस 80 अंक वाली लिखित परीक्षा में शामिल किया जाएगा। 
  • आठवीं के छात्रों की टर्म 2 का पूरा+टर्म 1 का 30% सिलेबस 80 अंक की परीक्षा में शामिल रहेगा। ताकि पूरे सिलेबस पर पकड़ बने। 

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