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Saturday 22 December 2018

शिक्षा विभाग से बजट जारी न होने पर सर्दियों में विद्यार्थियों को मिल रहे गर्मियों के व्यंजन

** विद्यार्थी सर्दियों में दिए जाने वाले बाजरे के विभिन्न व्यंजन का कर रहे इंतजार
** 1 जनवरी से मिड डे मील की बढ़ेगी 5.35 % कुकिंग कोस्ट 

करनाल : सर्दी चरम पर है और राजकीय स्कूलों में दोपहर काे दिए जाने वाले मिड-डे मील में अभी भी विद्यार्थियों काे गर्मियों के व्यंजन परोसे जा रहे हैं। जबकि शिक्षा विभाग की ओर से पिछले एक माह पहले सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर बाजरे की विभिन्न व्यंजन देने के आदेश दिए गए थे। इस माह में केवल नौ दिन राजकीय स्कूल लगने के बाकी हैं, क्योंकि एक जनवरी से 15 जनवरी तक स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियां रहती हैं। आखिर कब विद्यार्थियों को बाजरे के विभिन्न व्यंजन दिए जाएंगे। इसके लिए विभाग ने अभी तक बजट जारी नहीं किया है, हालांकि विभाग ने एक ओर पत्र जारी कर भारत सरकार द्वारा कुकिंग कोस्ट 5.35 प्रतिशत बढ़ाई है, जो वर्ष 2018-19 की एक अप्रैल से कुकिंग कोस्ट प्राइमरी के लिए 4.35 रुपए प्रतिदिन प्रति छात्र होगी। जबकि अप्पर प्राइमरी के लिए 6.51 रुपए प्रतिदिन प्रति छात्र होगी। इसके लिए सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को बढ़ाई गई दर अनुसार एक जनवरी से ही कुकिंग कोस्ट मिड-डे मील तैयार करने के आदेश जारी किए गए हैं। जबकि विद्यार्थियों को इस पिछले साल की कुकिंग कोस्ट 4.13 प्राइमरी व अप्पर प्राइमरी को 6.18 रुपए प्रतिदिन प्रति छात्र के हिसाब से दिया जा रहा था। जिले के 779 स्कूलों में 88 हजार विद्यार्थियों को दिया जाता मिड-डे मील जिले के 779 स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक के 88 हजार विद्यार्थियों को दोपहर को मिड-डे मील दिया जाता है। बजट न होने के कारण विद्यार्थियों को सर्दियों में मजबूरन गर्मियों के व्यंजन का सहारा लेना पड़ रहा है। मिड-डे मील में विद्यार्थियों को दाल चावल, कढ़ी चावल, दूध, खीर, दलिया विद्यार्थियों को दिया जा रहा है। विभाग की ओर से तीन भागों में बजट जारी किया जाता है। जो एक भाग में पांच करोड़ के लगभग जिले को बजट अलॉट होता है। जिले को साल में कुल 15 से 16 कराेड़ का बजट विद्यार्थियों के मिड डे मील का बजट जारी किया जाता है। 
इस बार विद्यार्थियों को सर्दियों में दिया जाएगा व्यंजन 
सर्दियों में मिड-डे मील में विद्यार्थियों को बाजरे से विभिन्न व्यंजन दिए जाने हैं। जिसमें बाजरे के गुलगुले, बाजरे की पूरी, बाजरे की खिचड़ी, बाजरे के बिस्किट, मूंगफली की चक्की, चना दाल पराठा आदि अन्य व्यंजन विद्यार्थियों को सर्दियों में दिए जाएंगे।  
बाजरे के विभिन्न व्यंजन बजट आने पर दिए जाएंगे 
विभाग की अोर से मिड-डे मील का बजट आना बाकी है। भारत सरकार द्वारा कुकिंग कोस्ट 5.35 प्रतिशत बढ़ाई गई है। जो नए साल से इसी दर अनुसार स्कूलों में मिड-डे मिल का बजट भेजा जाएगा। बाजरे के विभिन्न व्यंजन बजट आने पर दिए जाएंगे। राजपाल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, करनाल। 

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