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Wednesday 3 April 2013

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ का आदोलन रद


बरवाला : हरियाणा सरकार द्वारा प्राईवेट स्कूल के मान्यता संबंधित मापदंड पूरा करने के लिए एक साल का समय देने के बाद हरियाणा प्राईवेट स्कूल संघ ने हिसार पुराना गर्वमेंट कॉलेज मैदान में पाच अप्रैल को प्रस्तावित शिक्षा बचाओ महासम्मेलन रद कर दिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के छह हजार स्कूलों में बच्चों का दाखिला होने का रास्ता भी साफ हो गया है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा है कि चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से मुलाकात के दौरान सरकार ने निजी स्कूलों की मान्यता से संबंधित नियमों के सरलीकरण की बात मानी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों को एक ओर साल का समय दिया है। इस संबंध में चार अप्रैल को स्कूलों को राहत दिलवाने में सराहनीय भूमिका निभाने वाले पदाधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा।
बता दे कि इससे पहले हरियाणा सरकार के निजी स्कूलों के प्रति कड़ा रुख देखते हुए 31 मार्च को हरियाणा प्राईवेट स्कूल संघ ने शिक्षा स्कूलों के मान्यता नियमों की सरलीकरण को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी है। साथ ही इस संबंध में पाच अप्रैल को हिसार में प्रदेश स्तरीय शिक्षा बचाओ महासम्मेलन का आयोजन करने के लिए भी यूनियन ने अभियान छेड़ दिया था। स्कूल संघ ने कहा था कि हरियाणा सरकार निजी स्कूलों को जमीन संबंधित मान्यता नियमों में राहत नहीं देती है तो प्रदेश के करीब दस हजार स्कूलों का स्टाफ व यहा शिक्षा ग्रहण करने वाले 27 लाख विद्यार्थियों के अभिभावकगण सरकार के मंत्रियों, सासदों व विधायकों के आवास पर प्रदर्शन करेगे। निजी स्कूलों ने मान्यता के सरलीकरण को लेकर किसी भी हद तक जाने की चेतावनी भी दी थी। उन्होंने कहा कि पहले जहा गाधीगिरी से सरकार को जगाया जाएगा, वहीं काग्रेसी जन प्रतिनिधियों के आवास पर प्रदर्शन से लेकर उनका सार्वजनिक तौर पर उनका विरोध करेगे। सरकार ने स्कूलों को समय निजी स्कूल संघ के दबाव में दिया है या फिर बच्चों के हितों को देखते हुए दिया है। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। मगर सरकार के इस फैसले से निजी स्कूलों को एक साल के लिए आक्सीजन जरुर मिल गई है।
निजी स्कूलों की ये थी प्रमुख मागें :
स्कूलों की मान्यता के लिए (एक मंजिल व दो मंजिल) के लिए वर्तमान नियमों से कम जगह की शर्त को स्वीकार करवाना जहा निजी स्कूलों की प्रमुख माग थी, वहीं वहीं स्कूलों के भूमि टुकड़ों की दूरी पाच सौ मीटर से बढ़ा कर नौ सौ मीटर करना, खेल मैदान, प्रार्थना स्थल के लिए नजदीकी सार्वजनिक मैदान या पार्क का प्रयोग करने की अनुमति प्रदान करना, स्कूलों में खुले व कवर स्थान का अनुपात बदल कर 65/35 करना, मान्यता के लिए प्रतिभूति राशि कम करवाना भी उनकी मागों में मुख्य रुप से शामिल था।                                                                       ..DJ

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