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Saturday 22 February 2014

उत्तर गलत तो कैसे पास हुआ ‘एचटेट’

** पीजीटी इतिहास में चार प्रश्नों के उत्तर नहीं हैं सही
हरियाणा विद्यालय बोर्ड ने बड़ी तैयारी के साथ एचटेट की परीक्षा ली, परीक्षार्थियों ने भी मुश्किलों में हजारों रुपये खर्च कर परीक्षा दी भी, लेकिन रिजल्ट बेहद ही खराब रहा। खराब रिजल्ट का कारण लोग परीक्षार्थियों को मान रहे हैं, लेकिन इसमें बोर्ड की गलती है। बोर्ड द्वारा लिए पीजीटी इतिहास की परीक्षा में तीन प्रश्नों के उत्तरों में गलती गई है। बोर्ड द्वारा जारी आनसर की में इसका खुलासा होता है। जबकि एक प्रश्न के सभी विकल्प गलत हैं। परीक्षार्थियों का आरोप है कि इससे हजारों परीक्षार्थियों को नुकसान उठाना पड़ा है। परीक्षार्थियों ने बोर्ड से इन प्रश्नों के उत्तर सही करने और उनके अतिरिक्त अंक देने की मांग की है। 
बोर्ड की ओर से 1 और 2 फरवरी को एचटेट की परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसमें केवल छह प्रतिशत ही रिजल्ट आ पाया है। परीक्षार्थियों का कहना है कि इसमें केवल परीक्षार्थियों की गलती नहीं है अलबत्ता बोर्ड ने भी कई प्रश्नों में उत्तरों को गलत दिया है। एचटेट की परीक्षा देने वाले प्रवीण और मनोज कुमार ने बताया कि बोर्ड की ओर से ली गई पीजीटी इतिहास की एचटेट के पेपर में एक प्रश्न के सभी विकल्प गलत हैं। 
परीक्षार्थियों ने बताया कि परीक्षा में प्रश्न नंबर आठ थर्सटन ने कितनी प्राथमिक क्षमताएं बनाई? इस प्रश्न के विकल्पों में 7, 3, 10 और 14 को विकल्पों में शामिल किया गया है जबकि सही उत्तर 9 है। वहीं छात्रों का कहना है कि तीन प्रश्नों के विकल्प तो सही हैं, लेकिन उनमें से गलत उत्तर को आनसर की में चुना गया है। इनमें प्रश्न संख्या 36 में जरा-ज़रा युगल का अर्थ बताना था। जिसमें सही उत्तर ऑप्शन नंबर ए है। जिसमें थोड़ा-बुढ़ापा ठीक है। जबकि बोर्ड ने ऑप्शन नंबर सी यानि बुढ़ापा-थोड़ा को सही दिखाया गया है। इसी प्रकार प्रश्न संख्या 49 में आप्शन ए अविवेकी को बताया गया है जबकि सही उत्तर आप्शन डी पतनशील है। प्रश्न संख्या 41 में चतुर्दश शब्द में समास का प्रकार बताना है। जिसमें द्वंद समास सही दिखाया गया है जबकि इसका सही उत्तर द्विगू समास है। प्रश्न संख्या 137 में मुगलकाल में किस भू-राजस्व व्यवस्था को टोडरमल बंदोबस्त के नाम से जाना जाता है? इसमें आप्शन जब्ती, बटाई, जरीब और कनकत दिया गया है। आनसर की में जब्ती को सही उत्तर बताया गया है जबकि इतिहास बताता है कि बटाई प्रणाली ही अकबर के शासन काल में टोडरमल ने शुरू की थी। जबकि जब्ती प्रथा को उन्होंने 1568 में बंद कर दिया था। जो शेरशाह सुरी ने शुरू की थी। परीक्षार्थियों ने बोर्ड के पास इसकी शिकायत भेजी है। परीक्षा में हजारों छात्र एक दो या फिर चार अंकों से फेल हुए हैं। ऐसे में चार प्रश्नों में बोर्ड ने ही गलती की है। ऐसे में छात्रों को पांच अंकों की ग्रेस दी जानी चाहिए।                                               djkkr

3 comments:

Unknown said...

Education Hubb ,No.1 Haryana, Result 6%

Unknown said...

जरा का अर्थ बुढ़ापा होता है जबकि ज़रा का अर्थ थोडा होता है | फिर थोडा - बुढ़ापा उत्तर कैसे ठीक हुआ ???

Mani ram Sheokand said...

चतुर्दश हिन्दी शब्दकोश में शब्द ही नहीं है यह संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है दस से चार अधिक इसमें न तो कोई समुच्चयबोधक शब्द विलुप्त है और न ही शब्द पद में विग्रह है जिसके कारण द्वन्द्व समास आ सकता था। यह प्रदेश के हजारों परीक्षार्थियों के साथ सरासर अन्याय है। पता नहीं बोर्ड ने पेपर लेने व परिणाम घोषित करने में इतनी जल्दी क्यों दिखाई है।

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