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Wednesday 12 October 2016

तबादले को रेशनेलाइजेशन सूची पर सवाल उठा रहे

** मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने सूचि को नियमों के खिलाफ बताया 
** एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल 13 अक्तूबर को चंडीगढ़ और पंचकूला में जाकर आलाधिकारियों के सामने तथ्यों सहित मामले प्रस्तुत करेगा
** जरूरत पड़ने पर 13 अक्तूबर को ही संगठन अगली कार्रवाई की घोषणा कर देगा
जींद : हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने टीजीटी एवं सीएंडवी के स्थानांतरण के लिए रेशनेलाइजेशन की जो लिस्ट जारी की गई है, उस पर ऐतराज दर्ज करवाया है। एसोसिएशन ने इसे आंकड़ों, नियम तथा नीति के खिलाफ करार दिया है। नीति के अनुसार जिस अध्यापक का अपने जोन में पांच साल से अधिक खराब हो गया है या फिर पांच साल से कम ठहराव वाले अध्यापक ने अपने स्थानांतरण के के लिए हां किया है, उनके तबादले किए जाने हैं, लेकिन ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं, जहां पर अध्यापक का ठहराव पांच साल से कम है और उस विषय का दूसरा अध्यापक स्कूल में नहीं है, उसे सरप्लस दिखाया गया है। ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनकी जॉन संख्या चार व पांच में 10 वर्ष से अधिक सेवा हो चुकी है, उसके फिर से इसी जोन में स्थानांतरण के आप्शन खुल रहे जो नीति के खिलाफ है। ऐसे भी बहुत से मामले सामने आए हैं कि अध्यापक का ठहराव एक ही स्कूल तथा उसी जोन में 10 वर्ष से अधिक हो गया है, लेकिन उसके स्थान को रिक्त नहीं दिखाया गया है। 
नीति के अनुसार उस पद को रिक्त दिखाया जाना चाहिए था। सिंगल सैक्शन हाई स्कूलों में भी गणित, हिंदी, विज्ञान के पदों को सरप्लस दिखाया गया है। अनेक ऐसे मिडिल स्कूल हैं, जहां पर मानदंडों के अनुसार गणित और विज्ञान के पद होने चाहिएं, लेकिन उन स्कूलों में से या तो विज्ञान अध्यापकों सरप्लस दिखाया गया है या फिर विज्ञान के पद को रिक्त नहीं दिखाया गया है, जिससे प्रदेश के शिक्षकों में भारी रोष है। आंकड़ों और नीति को सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश मलिक ने कहा कि आज प्रदेश में लगभग 28500 टीजीटी और सीएंडवी के अध्यापक कार्यरत हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार इस र्शेणी के अध्यापकों के 37560 पद स्वीकृत हैं। खुद विभागीय आंकड़ों के अनुसार यदि शिक्षा के मौलिक अधिकार के मानदंडों के अनुसार रेशनेलाइजेशन की जाती है तो 10 हजार और अध्यापकों के पद वित्त विभाग से सृजित करवाने पड़ेंगे। ऐसे में लगभग 47000 अध्यापकों का कार्य विभाग मात्र 28500 अध्यापकों से लेना चाहता है, जिसके कारण एक स्कूल से अध्यापकों को जान-बूझकर सरप्लस दिखा कर दूरदराज के स्कूल में बदलने की तैयारी की गई है, जबकि मानदंडों के अनुसार उन स्कूल में या तो अध्यापक के पद की मांग है या फिर सरप्लस नहीं है। ऐसे में हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने मांग की है कि विभाग अपने आंकड़ों में सुधार करे और शिक्षा के मौलिक अधिकार की अनुपालना करते हुए रेशनेलाइजेशन की जाए। एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल 13 अक्तूबर को चंडीगढ़ और पंचकूला में जाकर आलाधिकारियों के सामने तथ्यों सहित मामले प्रस्तुत करेगा। जरूरत पड़ने पर 13 अक्तूबर को ही संगठन अगली कार्रवाई की घोषणा कर देगा।

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