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Saturday 25 February 2017

शिक्षा बोर्ड को मिली पावर, अनियमितता करने वाले पर्यवेक्षकों पर कर सकेंगे सीधी कार्रवाई

सख्ती : परीक्षा केंद्रों पर नियुक्त सुपरवाइजरोंं पर पहले शिक्षा विभाग को ही था कार्रवाई करने का अधिकार
भिवानी : अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भी परीक्षा केंद्रों में तैनात लापरवाह पर्यवेक्षकों के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगा। इससे पहले अनियमितता में संलिप्त पाए जाने वाले पर्यवेक्षकों के खिलाफ केवल शिक्षा विभाग ही कार्रवाई कर सकता था। 
परीक्षाओं को नकल मुक्त बनाने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के साथ साथ सरकार भी गंभीर बनी है। सरकार के निर्देश पर इस बार शिक्षा बोर्ड चुनाव आयोग की तर्ज पर कार्य करने जा रहा है। इसमें सबसे मुख्य बात यह रहेगी कि परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी दे रहे पर्यवेक्षक के खिलाफ परीक्षा शुचिता संबंधी अनियमितता पाई जाती है तो बोर्ड अधिकारी उस पर्यवेक्षक के खिलाफ स्वयं कार्रवाई कर सकता है। अब तक जब बोर्ड उड़नदस्ते को कोई भी पर्यवेक्षक नकल करवाने में संलिप्त पाया जाता तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बोर्ड प्रशासन शिक्षा विभाग को लिखता था। इस प्रक्रिया के चलते अधिकांश पर्यवेक्षक साफ बच निकल जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा। इतना ही नही जिन पर्यवेक्षकों को परीक्षा की शुचिता भंग करने का दोषी पाया जाता है वे ब्लैक लिस्ट किए जाएंगे। 
200 पर कार्रवाई की तैयारी 
गत वर्ष हुई बोर्ड परीक्षा में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने दो सौ पर्यवेक्षकों को परीक्षा की पवित्रता भंग करने का दोषी पाया गया था। बोर्ड प्रशासन ने उन सभी पर्यवेक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिक्षा विभाग को लिखा गया था। 
नकल पर लगेगा अंकुश 
परीक्षाकेंद्रों में कुछ ऐसे पर्यवेक्षक भी होते हैं जो स्वयं नकल कराते हैं। गत परीक्षाओं में भी कुछ स्थानों पर तो पर्यवेक्षकों को बोर्ड पर प्रश्नपत्र हल करवाते पकड़ा भी गया है। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ बोर्ड प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पाता था। कार्रवाई करने की सभी शक्तियां शिक्षा विभाग के पास होती थी लेकिन अब एेसे पर्यवेक्षकों के खिलाफ बोर्ड प्रशासन पर भी कार्रवाई कर सकेगा। इससे निश्चित ही बड़े स्तर पर होने वाली नकल पर अंकुश लग पाएगा। 
गुरुग्राम बैठक में फैसला 
नकलरहित परीक्षाओं के संचालन के लिए सरकार के निर्देशानुसार 19 फरवरी को गुरुग्राम में शिक्षा अधिकारियों बोर्ड अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में मौलिक शिक्षा निदेशक एस चंद्रशेखर, बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह, बोर्ड सचिव अनिल नागर समेत शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि बैठक में शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि अगर कोई पर्यवेक्षक परीक्षा शुचिता भंग करते हुए पाया जाता है तो बोर्ड अधिकारी उसके खिलाफ सीधे कार्रवाई कर सकेंगे। अब उन्हें शिक्षा विभाग को सिफारिश करने की कोई अनावश्यकता नहीं होगी। 
सचिव उड़नदस्तों की संख्या भी बढ़ी 
परीक्षाओंमें नकल पर अंकुश लगाने के लिए सचिव उड़नदस्तों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। अब प्रदेश में भर सचिव उड़नदस्तों की संख्या 21 होगी। इससे पहले वाले परीक्षाओं में बोर्ड चेयरमैन ने अपने उड़नदस्तों की संख्या 21 की थी। इस संबंध में बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि अब पर्यवेक्षकों के खिलाफ सीधी कार्रवाई करने से निश्चित ही परीक्षाओं में काफी हद तक नकल पर अंकुश लग पाएगा। 


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