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Monday 25 February 2013

स्कूल में सुविधाओं की जिम्मेदारी मुखिया पर


*सर्व शिक्षा अभियान को मुख्य एजेंसी बनाया, एजेंसी ने सभी स्कूलों में एक्ट लागू कराने की जिम्मेदारी सौंपी
आरटीई एक्ट के तहत अब सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचागत सुविधाएं देने की जिम्मेदारी सरकारी स्कूलों में मुखिया की होगी। इन सुविधाओं को स्कूलों में मार्च के अंत तक पूरा करना होगा ताकि नए सत्र से बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। अगर कोई मुखिया इस जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करेगा तो उसके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। 
सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं बच्चों को नहीं मिल रही थीं। यहां तक स्कूलों में बैठने के लिए ड्यूल डेस्क तक नहीं थे। इन मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए सर्व शिक्षा अभियान को मुख्य एजेंसी बनाया है। एजेंसी की जिम्मेदारी शिक्षा का अधिकार नियम (आरटीआई) एक्ट की अनुपालना कराना है। इसलिए एजेंसी ने सभी स्कूलों में एक्ट को लागू करने की जिम्मेदारी स्कूल मुखिया को सौंपी है। 
बच्चों को मिलेगी शिक्षा : अभी तक सरकारी स्कूलों के मुखिया बच्चों की पढ़ाई की तरफ ध्यान नहीं देते थे। जो बच्चा स्कूल आ गया, उसे ही एडमिशन दे दिया जाता था, लेकिन अब ऐसे बच्चों की पहचान करनी होगी जो स्कूल तक नहीं पहुंच रहे हैं। इसके अलावा बच्चों के आधार कार्ड भी बनाने का प्रावधान रखा गया है। 
यातायात सुविधा व मिड-डे मील देना जिम्मेदारी: 
जिन गांवों में नेबरहुड स्कूल नहीं हैं, वहां के बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए यातायात की व्यवस्था भी स्कूल मुखिया की है। उसके लिए स्कूल मुखिया को वाहन आदि का इंतजाम कराना होगा। इसके अतिरिक्त स्कूल मुखिया को प्लान तैयार कर भेजना है ताकि बच्चों को आरटीई के तहत शिक्षा मिल सके। इसके साथ बच्चों को मिड डे मील, वर्दी, जूते भी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मुखिया की होगी ताकि विद्यार्थियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। 
प्राथमिक स्कूल के लिए कम से कम दो कमरे तथा उच्च प्राथमिक स्कूल के लिए तीन कमरे होने जरूरी हैं। प्राथमिक स्कूल में 30 छात्रों के लिए एक कमरा तथा उच्च प्राथमिक स्कूल में 35 छात्रों के लिए एक कमरा होना चाहिए। स्कूल में 50 छात्रों पर एक शौचालय होना जरूरी है ताकि विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी न हो। लड़कियों के अलग शौचालय अनिवार्य है। स्कूल में सभी स्थानों जैसे कक्षा कक्ष, पेयजल स्त्रोत, शौचालय तक पहुंचने के लिए विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के लिए रैंप बनाया जाना जरूरी है। यदि स्कूल बहुमंजिला है तो ऊपर तक पहुंचने के लिए रैंप का प्रबंध होना चाहिए। प्रत्येक स्कूल में एक रसोईघर होना जरूरी है। उसके साथ-साथ रसोई घर की सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। अगर एक बिल्डिंग में दो स्कूल हैं तो एक रसोईघर से काम चल सकता है। इसके अलावा पेयजल सुविधा, खेल का मैदान, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला व स्कूल की चारदीवारी होना जरूरी है।
                                                                                             DBAmbala

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