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Friday 8 February 2013

छात्र बढ़े तो स्कूल होंगे अपग्रेड



नए स्कूल खोलने तथा स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए शिक्षा विभाग ने नियमों में फेरबदल किया है। नए नियमों में स्कूलों में छात्रों की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। दो साल बाद सरकार ने इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई है। यह फेरबदल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत किया गया है। 
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए शिक्षा विभाग ने नियम बदले हैं, ताकि बच्चों को शिक्षा ग्रहण करते हर वह सुविधा मिल सके जो पब्लिक स्कूलों में होती हैं। बाकायदा स्कूलों के लिए भूमि का क्षेत्र निर्धारित किया गया है। प्राइमरी, मिडिल, हाई तथा सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं के लिए कमरों की संख्या भी निश्चित की गई है। अपग्रेड या नया स्कूल खोलते समय छात्रों की संख्या के बारे में बिल्कुल स्पष्ट किया गया है।
पहले यह था नियम: 
सरकारी स्कूल जब अपग्रेड करना होता था, तो पहले सरपंच स्कूल के प्रिंसिपल को लिखित में देते थे।प्रिंसिपल इस आग्रह को जिला शिक्षा अधिकारी के पास भेजते थे। जिला शिक्षा अधिकारी इस आग्रह को शिक्षा विभाग निदेशालय के पास भेजते थे। तब स्कूल अपग्रेड होते थे। 
अब स्कूलों के लिए यह बनाए गए हैं नियम: 
हाई स्कूल : नौवीं व दसवीं में 150 छात्र होने चाहिए। पांच किलोमीटर के दायरे में ऐसा स्कूल जहां अधिकतम छात्र हों और पर्याप्त सुविधाएं हों उस को हाई स्कूल से अपग्रेड कर सीनियर सेकेंडरी बनाया जाएगा। दूरी पांच किलोमीटर होनी चाहिए और स्कूल में 14 कमरे होने चाहिए। 
मिडिल : मिडिल स्कूल से हाई स्कूल अपग्रेड करने के लिए छठी से आठवीं तक 210 छात्र होने चाहिए। पिछले दो वर्षों से आठवीं में 79 विद्यार्थी पढ़ रहे हों। स्कूल के लिए जमीन दो एकड़ जरूरी है। अन्य स्कूलों से दूरी कम से पांच किलोमीटर कम होनी चाहिए। हाई स्कूल के लिए 15 कमरे होने चाहिए। 
प्राइमरी स्कूल : अगर प्राइमरी स्कूल में 300 से ज्यादा बच्चे हैं तो अलग स्कूल की शाखा खुल सकती है। नई शाखा के लिए कम से कम 25 बच्चे अनिवार्य हैं। इसके अलावा आधा एकड़ जमीन और पांच कमरे जरूरी हैं। प्राइमरी स्कूल को तभी अपग्रेड कर मिडिल बनाया जाएगा जब स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक 150 छात्र हों। पिछले दो वर्षों से पांचवीं कक्षा में कम से कम 25 विद्यार्थी पढ़ रहे हों। इसके लिए एक एकड़ जमीन होनी चाहिए तथा स्कूल की दूरी दो किलोमीटर होनी चाहिए। स्कूल में आठ कमरे होने जरूरी हैं।
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