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Tuesday 29 April 2014

सरकारी स्कूलों में अब तक नहीं पहुंची पूरी किताबें

** पुराने आंकड़ों के अनुसार आईं पुस्तकें, अधिकारियों के दावे फेल
जींद : शिक्षा सत्र को शुरू हुए एक माह से अधिक समय हो गया है, लेकिन अब तक सरकारी स्कूलों में किताबें नहीं पहुंच सकी है। कई स्कूलों में छात्र संख्या से ज्यादा और कम किताबें पहुंच गई है, जिससे अब तक कई बच्चों को किताबें से पढ़ने का मौका नहीं मिल सका है। विभागीय अधिकारी भी जल्द किताबें पहुंचाने के दावे कर रहे हैं, लेकिन यह दावे सिर्फ हवा साबित हो रहे हैं।
पिछले वर्ष सरकारी स्कूलों में किताबें न पहुंचाने पर हुई शिक्षा विभाग की किरकिरी हुई थी, लेकिन अबकी बार शिक्षा विभाग ने सत्र शुरू होने से पूर्व ही सरकारी स्कूलों में किताबें भेज दी है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दो साल पहले वाली छात्र संख्या के हिसाब से स्कूलों में किताबें पहुंचा दी है। मसलन जहां कम छात्र है, वहां किताबों की संख्या अधिक हो गई है और जहां छात्रों की संख्या अधिक हैं, वहां किताबें कम हो गई है। वहीं शिक्षक वर्ग के लिए एक समस्या खड़ी हो गई है और वह है किताबों की कमी। 
शिक्षा विभाग ने दो साल पहले ली छात्र संख्या के आधार पर सरकारी स्कूलों में यह किताबें पहुंचा दी है, जिससे छात्र संख्या व किताबों की संख्या का अनुपात गड़बड़ा गया है। वहीं इससे शिक्षक वर्ग परेशान हो गया है।
छात्र संख्या मांगने के बाद भी नहीं पहुंची किताबें : 
जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने लगभग एक माह पहले छात्र संख्या सभी स्कूलों से मांगी थी ताकि उसी के अनुसार किताबें पहुंच सके, लेकिन अब तक छात्र संख्या मिलने के बाद भी किताबें उस अनुसार स्कूलों में नहीं पहुंच सकी है। अधिकारियों का तर्क है कि फिलहाल दाखिले जारी है और उसके बाद ही छात्र संख्या के हिसाब से किताबें भेजी जाएंगी, लेकिन तब तक काम ऐसे ही चलेगा।
"फिलहाल स्कूलों में छात्रों के दाखिले चल रहे हैं। जहां ज्यादा किताबें हैं, वह दाखिले पूरे होने के बाद किताबें पूरी हो जाएंगी और जहां कम किताबें हैं, वहां दोबारा डिमांड आने पर किताबें भेज दी जाएंगी।"--सुशील सांगवान, डिप्टी डीईओ, जींद                                                  dj

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