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Wednesday 30 April 2014

अब अध्यापक स्कूलों से नहीं मार सकेंगे बंक

** जिलास्तर पर बनेगी वेबसाइट, सभी मुखियाओं को ई-मेल बनाने के आदेश
नारनौल : सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापक अब जिला मुख्यालय पर पत्राचार का बहाना बना कर बंक नहीं मार सकेंगे। क्योंकि विभाग ने सभी स्कूल मुखियाओं को अपना ई-मेल बनाना होगा और मेल के माध्यम से ही पत्राचार करने के आदेश जारी किए हैं। 
इसे शिक्षा विभाग का हाईटेक होना कहें या फिर ऐसे अध्यापकों के बंक पर पाबंदी, जो जिला मुख्यालय पर पत्राचार के बहाने अवकाश ग्रहण करते हैं। कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन इतना जरूर है कि अब स्कूल मुखिया या अध्यापक चिट्ठी पत्री पहुंचाने के नाम पर स्कूल से अनुपस्थित नहीं हो सकेंगे। क्योंकि विभाग के उच्चाधिकारियों ने फैसला किया है कि विभाग के जिला मुख्यालय से स्कूल मुखियाओं या अध्यापकों तक जो भी संदेश पहुंचाया जाना है या फिर स्कूल मुखियाओं की तरफ से विद्यालय की कोई रिपोर्ट या अन्य कार्रवाई के लिए पत्र लिखना है, वो सब कार्रवाई अब ई-मेल के माध्यम से होगी। इसके अन्य अन्य विभागीय जानकारियां भी मेल के माध्यम से ही दी जाएंगी। इसके साथ ही स्कूल मुखिया प्रतिदिन अपने स्कूल में उपस्थित अध्यापकों व बच्चों की संख्या के संबंध में जिला मुख्यालय मेल के माध्यम से जानकारी देंगे। 
ईमेल जमा नहीं कराने पर होगी कार्रवाई: डीईओ 
जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से विभाग के अधीन चल रहे सभी सीनियर सेकंडरी, हाईस्कूल के मुखियाओं को अपने-अपने स्कूल का ई-मेल पता बनाकर जिला मुख्यालय को सूचित करना है। इसके लिए उन्हें सात दिन का समय दिया गया है। डीईओ के प्रपत्र में लिखा है कि यदि इस समय अवधि के दौरान कोई स्कूल मुखिया अपना ई-मेल जमा नहीं करवाता है तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 
१ माह में बन जाएगी साइट 
जिला स्तर पर शिक्षा विभाग की वेबसाइट भी बनाई जा रही है। इस वेबसाइट पर विभाग की सभी जिला स्तर की जानकारियों के अतिरिक्त विभाग की उपलब्धियों को चित्रों के साथ आम लोग देख सकेंगे। साथ ही साइट पर जिले भर के सभी स्कूलों में अध्यापक व बच्चों की संख्या, वहां उपलब्ध संसाधन व विद्यालय के परीक्षा परिणाम की भी जानकारी होगी।
"सभी स्कूल इंचार्ज को एक सप्ताह में अपने स्कूल का ई मेल बनाकर जिला मुख्यालय में जमा करवाने के आदेश दिए गए हैं। सभी के ई मेल प्राप्त होने के बाद स्कूलों के पत्राचार की व्यववस्था ई-मेल से की जाएगी। इससे सूचनाएं आदान प्रदान करने में भी समय नहीं लगेगा साथ ही काम भी समय पर होगा।"--संतोष तंवर, जिला शिक्षा अधिकारी नारनौल। 
कैसे लगेगी अध्यापकों के बंक पर रोक 
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जिला मुख्यालय के जिले के उपमंडल स्तर, ब्लॉक व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों से अध्यापक जिला मुख्यालय पर काम होने या वहां कोई लेटर देने संबंधित रिपोर्ट मूवमेंट रजिस्टर में लिख कर स्कूल से बंक कर जाते हैं। यदि जिला मुख्यालय पर पत्राचार की व्यवस्था ई मेल से हो जाएगी तो ऐसे अध्यापकों पर रोक लगेगी, इसके साथ स्कूल मुखिया यदि प्रतिदिन अध्यापकों व बच्चों की उपस्थिति के संबंध में रिपोर्ट भेजेंगे तो अध्यापकों के बंक पर अंकुश लगेगा।                                                              db


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