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Thursday 24 April 2014

स्पेशल मर्सी नहीं, साल में होंगी तीन परीक्षाएं

** हंगामेदार रही बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक, गहमागहमी के बीच कई प्रस्तावों पर बनी सहमति 
** इम्प्लीमेंट के लिए विवि प्रशासन के पास जाएंगे बोर्ड की बैठक में पास हुए प्रस्ताव 
** विवि से खुद के लिए मांगा टीए डीए, स्टूडेंट्स की झोली में एक और परीक्षा का तनाव 
** विवि ने 10 मार्क्स की स्पेशल मर्सी को बैठक में पास करके भेजने के दिए निर्देश      
रोहतक : प्रदेश की एकमात्र पं.बीडी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी बीएएमएस स्टूडेंट्स को राहत देने की बजाय उन्हें हर कदम पर नया तनाव देती दिख रही है। विवि की लापरवाही के चलते दोबारा से हुई द्रव्यगुण विज्ञान की रिअपीयर परीक्षा में फेल हुए सेकेंड प्रोफ के स्टूडेंट्स को पास करने की बजाय उनके सामने साल में तीसरे एग्जाम का भार थोप दिया है। जी हां, अब बीएएमएस स्टूडेंट्स को हर साल दो की बजाय तीन परीक्षा देनी होंगी। यह प्रस्ताव बुधवार को गौड ब्राह्मण आयुर्वेदिक कॉलेज ब्राह्मणवास में हुई आयुर्वेद की बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में लिया गया। बोर्ड के सदस्यों ने स्पेशल मर्सी का प्रस्ताव पास कर वीसी को भेजने की बजाय, साल में तीसरी परीक्षा पर मुहर लगा दी। 
इससे अच्छा तो कॉरेसपांडेंस या ऑनलाइन परीक्षा कर दो 
साल मे तीन बार परीक्षा को लेकर कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई थी। कहा कि आयुर्वेद की जड़ खोदने में क्यों लगे हो। इससे अच्छा तो कॉरेसपांडेंस या ऑनलाइन परीक्षा कर दो। या स्टूडेंट्स को घर बैठे डिग्री दे दो। साल में तीन परीक्षा होने पर स्टूडेंट्स के दिमाग पर तनाव और जेब पर भार बढ़ेगा। विरोध को अधिकांश सदस्यों ने अनसुना करते हुए टाल दिया। 
"एक साल के अंदर तीन परीक्षा करने की संस्तुति की गई है। इसके अलावा भी अन्य प्रस्ताव पास किए गए हैं, जिन्हें विवि को भेजा जाएगा। स्टूडेंट्स के हित को देखते हुए तीसरी परीक्षा का निर्णय लिया गया है।"--डॉ.राकेश पंवार, चेयरमैन(बोर्ड ऑफ स्टडीज)/विवि डीन 
मीटिंग में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर 
साल में तीसरी परीक्षा 
बच्चों के हित का हवाला देते हुए बोर्ड के सदस्यों ने विवि के नियमों में फेरबदल कर एक साल में दो की बजाय तीन परीक्षा की संस्तुति की। बीएएमएस स्टूडेंट्स हर तीन मांह में परीक्षा देंगे। मई में एनुअल तथा दिसंबर में रिअपीयर एग्जाम के अलावा मार्च में भी तीसरी परीक्षा हो। 
टीए डीए की व्यवस्था 
मीटिंग में आने वाले बोर्ड के सदस्यों को टीएडीए की व्यवस्था कराने के लिए विवि को लिखा गया। जब भी कोई बैठक होगी, उसका सारा इंतजाम विवि द्वारा किया जाए। आगे से एक फार्म भरकर विवि भेजा जाएगा। मीटिंग का स्थान और तिथि विवि तय करेगी। 
कोआर्डिनेशन कमेटी बने 
विवि की एक संवैधानिक कोआर्डिनेशन कमेटी बने, जिसमें आयुर्वेद के सीनियर मेंबर्स रखे जाए। 
अलग से बने एक कमेटी: 
ऑर्डिनेंस के टीए डीए देना, प्रेक्टिकल में एग्जामिनर्स की व्यवस्था, गलत पेपर आने, रिजल्ट में गड़बड़ी, परीक्षा आदि को लेकर एक अलग से कमेटी बने। कमेटी आयुर्वेद से जुड़े सभी मामले देखेगी। विवि से संस्तुति मिलते ही अगली बैठक में कमेटी बनाई जाएगी। 
बोर्ड ऑफ स्टडीज के नियम बनें 
यूनिवर्सिटी द्वारा आयुर्वेद की बोर्ड ऑफ स्टडीज के नियम और अधिकार तय किए जाएं। विवि से संबद्ध प्रत्येक आयुर्वेदिक कालेज के दो सब्जेक्ट एक्सपर्ट प्रोफेसर बोर्ड ऑफ स्टडीज में शामिल किए जाएं। 
ये था मामला 
2 और 4 जनवरी को हुई बीएएमएस सेकेंड प्रोफ के द्रव्यगुण विज्ञान की रिअपीयर परीक्षा में हेल्थ विवि द्वारा पुराना पेपर स्टूडेंट्स को थमा देने के मामला भास्कर ने उजागर किया था। खबर छपते ही विवि प्रशासन में हड़कंप मचा और द्रव्यगुण विज्ञान द्वितीय की रिअपीयर परीक्षा रद्द करते हुए दोबारा से परीक्षा कराने का निर्णय लिया। 13 मार्च को रखी गई दोबारा परीक्षा की तिथि पर स्टूडेंट्स ने हंगामा करते हुए परीक्षा का बहिष्कार किया और पास करने की मांग की। विवि ने लाचारी दिखाते हुए कोई और विकल्प न होने का हवाला दिया और 20 मार्च को दोबारा परीक्षा की तिथि रख दी। परीक्षा के बाद रिजल्ट आया तो विवि से संबद्ध चार कालेजों के 56 में से 26 स्टूडेंट्स फिर से फेल हो गए। उन्होंने रिजल्ट पर आत्ति जताते हुए 20 माक्र्स का ग्रेस, बैक सिस्टम खत्म करने तथा परीक्षा कॉपी दिखाने की मांग की थी। स्टूडेंट्स की मांग के मद्देनजर विवि प्रशासन ने स्टूडेंट्स को स्पेशल मर्सी देकर पास करने का फैसला लिया था। इसी को लेकर बुधवार को गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक कालेज में आयुर्वेद की बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक बुलाई गई।                                                    db

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