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Saturday 18 July 2015

गेस्ट टीचरों के खिलाफ आपराधिक अवमानना की याचिका दायर

** हरियाणा के एजी ने गेस्ट टीचर्स को नोटिस जारी कर मांगा जवाब 
** कोर्ट के आदेश पर बर्खास्तगी के बावजूद प्रदर्शन और भूख हड़ताल का आरोप
चंडीगढ़ : सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नौकरी से बाहर किए गए हरियाणा के सरप्लस गेस्ट टीचरों के खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की गई है। हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने गेस्ट टीचर्स समेत हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले की आगामी सुनवाई 19 अगस्त तय की गई है। एडवोकेट जनरल इस याचिका को सुनवाई के लिए उचित पाएंगे तो मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के पास आपराधिक अवमानना की याचिका चलाने के लिए भेजा जाएगा। 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार गेस्ट टीचर्स को न हटाने के कारण हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले व्यक्तियों ने अपने वकील जगबीर मलिक के माध्यम से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने गेस्ट टीचरों को हटाने का आदेश दे दिया था। इसके बाद भी हरियाणा में गेस्ट टीचर नौकरी करते रहे। इसी बीच सरप्लस गेस्ट टीचरों को निकालने का आदेश दिया गया। हाईकोर्ट की बेंच ने अन्य गेस्ट टीचरों को नियमित भर्ती तक बनाए रखने की छूट दी थी। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश पर सरप्लस गेस्ट टीचर हटा दिए गए, लेकिन अब वे सरकार पर बेवजह दबाव बना रहे हैं। इसे लेकर आंदोलन के तहत वे भूख हड़ताल कर रहे हैं। साथ ही उनकी ओर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। 
सर्व कर्मचारी संघ भी ऐसे आंदोलनकारियों के साथ है। याचिका में कहा है कि ऐसा करना हाईकोर्ट के आदेश की आपराधिक अवमानना है। लिहाजा उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। याचिका में सरप्लस गेस्ट टीचर्स यूनियन के19 पदाधिकारियों व संघ के महासचिव लांबा को प्रतिवादी बनाया गया है।
एक माह से महापड़ाव
सरप्लस गेस्ट टीचर पिछले तीन माह से प्रदेश में अलग-अलग जगह आंदोलन कर रहे हैं। गत 29 जून तक सभी सरप्लस गेस्ट टीचर को हटा दिया गया था, इसके बावजूद वे महेंद्रगढ़ के देवीलाल पार्क में 17 जून से महापड़ाव डाले बैठे हैं और 31 जून से बेमियादी अनशन कर रहे हैं। 
इसलिए एजी ने की सुनवाई: 
अदालत की आपराधिक अवमानना का केस तीन परिस्थितियों में चल सकता है। यदि जिला अदालत से सेशन जज हाईकोर्ट को आपराधिक अवमानना चलाने को लिखे या फिर हाईकोर्ट स्व: संज्ञान लेकर आपराधिक अवमानना का केस चलाए। इसकेअलावा तीसरा रास्ता यही है कि एडवोकेट जनरल आपराधिक अवमानना का केस चलाने के लिए मामला चीफ जस्टिस को रेफर करे। इसके लिए एडवोकेट जनरल के पास ही याचिका दायर करनी पड़ती है। उनकी संतुष्टि पर ही आपराधिक अवमानना का केस चलाने को मामला चीफ जस्टिस को रेफर किया जाता है।                                                          au 

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