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Sunday 23 August 2015

जिस सिलेबस की परीक्षा हो चुकी वह पढ़ाया जा रहा है एजुसेट पर

सोनीपत : दावा हाईटेक शिक्षा का है, लेकिन विभागीय सिस्टम की हालत यह है पहले तो कुछ चलते नहीं, जो चलते हैं वे भविष्य के सितारों को भूतकाल का ज्ञान दे रहे हैं। यहां बात हो रही है शिक्षा विभाग की हाइटेक एजुकेशन व्यवस्था यानि की एजुसेट की। जिसमें आज का नहीं बल्कि पुराना सिलेबस पढ़ाया जा रहा है। विद्यार्थी परेशान है और शिक्षक हैरान। एजुसेट के जरिए स्कूलों का सिलेबस एक महीना लेट चलाया जा रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को देखने को मिला। जुलाई महीने में जिस सिलेबस की परीक्षा ली जा चुकी है, उसके बारे में 21 अगस्त को बताया जा रहा था। ऐसे में ऑनलाइन सिस्टम से एजुसेट के जरिए पढ़ाई का केवल नाम किया जा रहा है। शिक्षा विभाग की ओर से एजुसेट सिस्टम के जरिए विभाग के विशेषज्ञों की ओर से विद्यार्थियों को एजुकेट किया जाता है। कहने को यह ऑनलाइन सिस्टम है। इसमें एक ही समय पर प्रदेश भर के स्कूलों में विद्यार्थी एजुसेट के जरिए पढ़ाई कर सकते हैं। लेकिन यह ऑन लाइन सिस्टम भी लेट लतीफ है। प्राइमरी स्कूलों में चले एजुसेट के जरिए शुक्रवार को महतम समावर्तन अन्य सिलेबस बारे बताया गया। जबकि यह सिलेबस जुलाई के पहले सप्ताह में पूरा हो चुका है। इतना ही नहीं परीक्षा भी हो चुकी है। 
2005 में शुरू हुई थी एजुसेट की शुरुआत: 
एजुसेटस्कूलों में 2005 में लगाए गए थे। शुरुआत में लगातार एससीईआरटी कंटेंट विकसित करता था। प्रसारण निर्बाध रूप से चलता था, लेकिन बाद में कंटेंट बनना बंद हो गया तो पुराने पाठ्यक्रम को ही लगातार रिपीट किया जाने लगा। इससे इसमें विद्यार्थियों ने रुचि लेनी बंद कर दी। स्कूलों में वर्तमान समय में आठ से दस साल पुराना पाठ्यक्रम प्रसारित किया जा रहा है। इसमें कई तरह की खामियां निकल कर रही हैं। 
डाइट की रिपोर्ट 30 प्रतिशत पुराना हुआ सिलेबसद : 
हाल ही में एजुसेट का पूरा सिलेबस फिर से चेक किया गया। इस बारे में डाइट ने रिपोर्ट बनाकर दी कि इसमें तीस प्रतिशत पाठ्यक्रम पुराना हो गया है आज के पाठ्यक्रम से मेल नहीं खाता। इस बात का खुलासा तब हुआ जब पुराने सिलेबस को देखने के लिए वित्तायुक्त ने सभी डाइट प्राचार्यों की ड्यूटी लगाई हुई थी। इसके तहत सभी डाइट और बाइट को एक-एक सब्जेक्ट दे दिए गए थे। इन वीडियो को देखकर सभी जिलों से एक रिपोर्ट तैयार की गई। तीस प्रतिशत सिलेबस ऐसा पाया गया, जो या तो आज के अनुसार रिच नहीं था या पाठ्यक्रम से मेल नहीं खाता था।  
अब सिलेबस अपडेट करने की तैयारी 
शिक्षकों की ओर से की जा रही लगातार शिकायत के बाद अब एससीईआरटी और डाइट के ईटी विंग के लोग मिलकर शिक्षकों का एक ग्रुप तैयार कर रहे हैं, जोकि सिलेबस को लिखने में मदद करेंगे। इसके बाद इसकी रिकॉर्डिंग की जाएगी। जिसे नई डीवीडी के तौर पर तैयार किया जाएगा। वहीं डीवीडी की खामियां दूर करने को फील्ड में से रिसोर्स पर्सन तैयार किए हैं जो कि जेबीटी शिक्षक हैं।
"प्राथमिक कक्षाओं में अभी यह काम चल रहा है। अक्टूबर तक एजुसेट से संबंधित अधिकतर काम पूरा कर लिया जाएगा। जिससे विद्यार्थियों को एजुसेट पर नवीनतम जानकारी मिलेगी।'' --मनोज कौशिक, प्रोग्राम प्रभारी, एससीईआरटी।                                                    db

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