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Tuesday 7 June 2016

चौथी तक फेल नहीं, 5वीं-8वीं के बोर्ड का प्रस्ताव

** नई शिक्षा नीति : टीएसआर सुब्रह्मण्यम समिति ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को भेजा प्रपोजल 
भिवानी : देश की नई शिक्षा नीति में आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने के प्रावधान को चौथी कक्षा तक लागू किया जा सकता है। नीति के लिए गठित की गई टीएसआर सुब्रह्मण्यम समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय मानव संसाधान मंत्री स्मृति ईरानी को सौंप दी है। 
सूत्रों की मानें तो जल्द ही यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री काे दिखाई जाएगी और हरी झंडी मिलने पर इसे लागू कर दिया जाएगा। नई नीति में जहां छोटी कक्षाओं पर गहन विचार विमर्श किया गया है, तो वहीं इंजीनियरिंग कॉलेजाें में दाखिला लेने की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों और कोचिंग संस्थानों पर उनकी निर्भरता दूर करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। 
10वीं कक्षा में फेल हो जाते हैं विद्यार्थी 
नौवीं कक्षा में पहुंचने के बाद किसी तरह विद्यार्थी पास भी हो जाए, लेकिन 10वीं में बोर्ड की परीक्षा होने के कारण विद्यार्थी तो नकल कर सकता और ही पास होने को कोई अन्य ऑप्शन उसके पास होता है। लिहाजा विद्यार्थी फेल हो जाता है। इसका सीधा असर बोर्ड के रिजल्ट पर पड़ता है, लेकिन नई शिक्षा नीति में इस बात को प्रदेश सरकार ने साफ ताैर पर एतराज जताते हुए इसे बदलने की मांग की है। इसके तहत पांचवीं और आठवीं कक्षाआें में फिर से बोर्ड परीक्षा शुरू करवाने की अनुमति मांगी गई है। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने तो इसे लागू करने का मन बना लिया है। 
5वीं-8वीं कक्षाओं में बोर्ड परीक्षाओं की मांगी अनुमति 
प्रदेश सरकार ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को नो डिटेशन पॉलिसी के बारे में प्रपोजल तैयार कर भेज दिया है, जिसके तहत हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा पांचवीं आठवीं कक्षाओं में बोर्ड परीक्षाएं लेने की अनुमति मांगी गई है। अगर मंत्रालय मंजूरी दे देता है तो आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने की नीति चौथी पर आकर रुक जाएगी। पांचवीं कक्षा में उसी विद्यार्थी को दाखिला दिया जाएगा, जो चौथी कक्षा में पास होगा। इस समय प्रदेश में आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने का प्रावधान है। इसके तहत विद्यार्थी को चाहे दो जमा दो कितने होते हैं या फिर एपल की स्पेलिंग का पता हो उसे आठवीं कक्षा तक फेल नहीं किया जा सकता।
सुधरेगा शिक्षा का स्तर : 
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने नो डिटेशन पॉलिसी बनाकर भेज दी है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे लागू कर देगी। इससे दोबारा फिर पांचवीं आठवीं कक्षा में बोर्ड लागू हो जाएगा। इससे निश्चित ही शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा।                        db

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