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Monday 15 August 2016

मिड-डे मील वर्करों के वेतन में गड़बड़ी रोकने के लिए राशि सीधे खातों में डालने के अादेश

** वेतन वितरण में रही शिकायतों का होगा हल 
सिरसा : सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील बनाने वाले वर्करों के वेतन वितरण में अब गड़बड़झाला नहीं होगा। शिक्षा विभाग ने फैसला लिया है कि अब कुक कम हेल्पर को वेतन नकद नहीं दिया जाएगा बल्कि उनके बैंक खाते में सीधी राशि ट्रांसफर की जाएगी। यह फैसला वेतन वितरण में बरती जाने वाली अनियमितताओं की शिकायतों के चलते लिया गया है। 
मौलिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि अक्सर देखने में आया है कि विद्यालयों में कुकों का मानदेय चेक द्वारा या स्वयं सहायता समूह के खाते में दिया जाता है। कई विद्यालयों में कुकों का मानदेय का भुगतान नकद भी किया जाता है। पत्र में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी कुकों के आधार कार्ड से लिंक खातों में ही वेतन स्थानांतरित किया जाए तथा इसकी सूचना निदेशालय को तुरंत दी जाए। इसके साथ ही निदेशालय ने जिले के प्राइमरी स्कूलों, अपर प्राइमरी स्कूलों में कुक की संख्या और कितने कुक का बैंक खाता है, उनकी संख्या उपलब्ध कराए जाने के भी आदेश जारी किए। 
सभी विद्यार्थियों को खिलाना होगा मिड-डे मील 
सभीबच्चों को खाना मिल रहा है या नहीं इस संबंध में विभाग ने एक सर्वे कराया। सर्वे में सामने आया कि 80 से 90 प्रतिशत विद्यार्थियों को ही मिड-डे मील मिलता है। इस स्थिति पर शिक्षा विभाग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किए। मौलिक शिक्षा निदेशक की ओर से भेजे गए पत्र में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को कहा गया है कि यह देखने में आया है कि विद्यालयों में दाखिला लिए कुछ छात्र संख्या के अनुसार केवल 80 से 90 प्रतिशत छात्र ही मिड-डे मील प्राप्त करते हैं। इसलिए निर्देश दिए जाते हैं कि विद्यालय में दाखिल सभी विद्यार्थियों को मिड-डे मील उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। 
प्रतिदिन 10 से 20 प्रतिशत बच्चे मिड-डे मील नहीं लेते 
स्कूलमें आने वाले सभी बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। प्रतिदिन 10 से 20 प्रतिशत बच्चे मिड-डे मील नहीं लेते। इस स्थिति पर अब शिक्षा विभाग ने संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किए हैं कि सभी उपस्थित बच्चों को मिड-डे मील खाना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा मिड-डे मील कुक के मानदेय का भुगतान भी नकद नहीं बल्कि खातों में डाला जाएगा। सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील की व्यवस्था है। आठवीं कक्षा तक के बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध कराया जाता है। 
आदेश आए हैं, स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए हैं: डीईईओ 
"शिक्षा निदेशालय की ओर से आदेश आए हैं कि सभी उपस्थित बच्चों को मिड-डे मील खाना खिलाया जाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा कहा गया है कि कुक कम हेल्पर का वेतन बैंक खातों में ही ट्रांसफर कराया जाए। इन आदेशों संबंधी पत्र संबंधित स्कूलों के मुखियाओं और खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दिया गया है।''-- डाॅ.यज्ञदत्त वर्मा, डीईईओ, सिरसा                                            db

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