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Wednesday 7 August 2013

388 शिक्षकों का बदलेगा स्कूल

**रेशनेलाइजेशन के विरोध में उतरे लेक्चरर, सांकेतिक धरना देकर शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन 
जींद : शिक्षा विभाग की नई रेशनेलाइजेशन नीति के विरोध में स्कूल लेक्चरर मंगलवार को खुलकर सामने आए। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के आह्वान पर जिलेभर से लेक्चरर लघु सचिवालय के बाहर जुटे। यहां सांकेतिक धरना दिया और फिर डीसी के माध्यम से शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा गया। धरने की अध्यक्षता हसला जिला प्रधान राजबीर रेढू ने की। संचालन पूर्व प्रधान मुकेश नैन ने किया। 
शिक्षा ढांचा बिगाडऩे पर तुली प्रदेश सरकार : रेढू 
राजबीर रेढू ने कहा कि सरकार शिक्षा ढांचे को बिगाडऩे पर तुली है। प्रदेश को शिक्षा हब बनाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को आए दिन नए नियम लागू कर बिगाडऩे का काम किया जा रहा है। नई रेशनेलाइजेशन नीति से जहां शिक्षकों के पदों को सिकोडऩे का काम किया है, वहीं छात्र एवं शिक्षक अनुपात बढ़ाकर शिक्षा की गुणवत्ता में कमी लाने का काम किया जा रहा है। 
जिला महासचिव सतीश शर्मा ने कहा कि नई रेशनेलाइजेशन नीति न्याय संगत नहीं है। सरकार नीति में बदलाव करे। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सप्ताह में पीरियड की संख्या 36 की बजाय पूर्व की भांति 24 किए जाए। इस मौके पर बलवान कौशिक, सुखदेव, बलविंद्र नैन, देवी प्रसन्न, सतबीर, जितेंद्र, जयसिंह, सुनील अत्री, हरिओम, संजीव, प्रेमलता, संतोष, मृदुला, पूर्णिमा आदि ने विचार व्यक्त किए। 
विरोध में अन्य संगठन भी 
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने रेशनेलाइजेशन के विरोध में मांगे पूरी ना होने पर अनिश्चित कालीन अनशन शुरू करने की चेतावनी दी हुई है। फिलहाल एसोसिएशन ने मौलिक शिक्षा महानिदेशक के साथ हुए एसो. प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद अपना आंदोलन स्थगित किया हुआ है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश मलिक ने बताया कि उन्हें मिले आश्वासन से उम्मीद है कि समाधान किया जाएगा। दूसरी तरफ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ भी नई रेशनेलाइजेशन नीति का विरोध कर रहा है। संघ वरिष्ठ उपप्रधान महताब मलिक ने बताया कि रेशनेलाइजेशन नीति को व्यवहारिक बनाया जाए और वर्कलोड ना बढ़ाया जाए तथा वीकली पीरियड पहले की भांति रखे जाए। इस पर प्रतिनिधि मंडल की शिक्षामंत्री से बात हुई है। उचित समाधान का आश्वासन मिला है। 
पुराना छोड़ चुनना होगा नया स्कूल 
नई रेशनेलाइजेशन नीति के तहत अब काउंसलिंग होनी है। जेबीटी शिक्षकों की काउंसलिंग हो भी चुकी है। नई नीति का असर यह है कि जिले के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत 388 शिक्षक सरप्लस हुए हैं। अब उन्हें पुराने स्कूल को बदल कर नए स्कूल स्टेशन को चुनना होगा। सबसे बड़ी संख्या मास्टर एवं सीएंडडी अध्यापकों की है। 
विषय के कितने शिक्षक 
विषय      सरप्लस संख्या 
मैथ             68 
एसएस       50 
साइंस         08 
पंजाबी        01 
सीएंडडी      103 
जेबीटी        158   
गेस्ट की होगी छुट्टी 
रेशनेलाइजेशन से सरप्लस शिक्षकों को अन्य जगह भेजा जा रहा है। खाली जगह भरने के बाद भी सरप्लस शिक्षक बच जाते हैं। ऐसे में उन्हें उन खाली पोस्ट पर भेजा जाना है जहां पहले से गेस्ट टीचर पढ़ाई करा रहे हैं। हाल ही में जेबीटी शिक्षकों की हुई काउंसलिंग के बाद 52 गेस्ट शिक्षकों की छुट्टी होनी तय हुई है। अन्य शिक्षकों की काउंसलिंग के बाद फिर कई गेस्ट टीचर की छुट्टी हो सकती है। ऐसे में गेस्ट टीचर भी रेशनेलाइजेशन नीति का विरोध कर रहे हैं। 
लेक्चरर ने ये उठाई मांगें 
**सप्ताह में पीरियड की संख्या 36 की बजाय पूर्व की भांति 24 की जाए। 
**छात्र शिक्षक अनुपात प्रति शिक्षक 40 किया जाए। इससे कक्षा में पढ़ाने और होमवर्क चे करने में आसानी होगी। 
**प्राध्यापक का पद 30 छात्रों पर स्वीकृत हो। 
**रेशनेलाइजेशन काउंसलिंग में वरिष्ठता का ध्यान रखा जाए। 
**काउंसलिंग में नियुक्ति देते समय पहले खंड फिर जिला स्तर पर विचार हो। 
यह है नई नीति के बदलाव 
नई रेशनेलाइजेशन के तहत 25 बच्चों पर एक शिक्षक, 25 से 60 बच्चों तक दो शिक्षक, 61 से 90 बच्चों तक तीन शिक्षक, 91 से 120 बच्चों तक चार शिक्षक और 121 से 200 बच्चों तक पांच शिक्षक का प्रावधान किया है। अब स्कूल में कक्षा 6 से 8 तक में 46 विद्यार्थी होने पर दूसरा सेक्शन बनाया जाएगा। 86 छात्र होने पर तीन, 121 छात्र होने पर चार व 156 छात्र होने पर पांच सेक्शन बनाए जाएंगे। इससे पहले कक्षा में 51 छात्र होने पर ही दो सेक्शन बनाए जाते थे। 101 छात्र पर तीन व 136 छात्र होने पर चार और 171 छात्र होने पर पांच सेक्शन बनाए जाने का प्रावधान था। इसी तरह से कक्षा 9 से 12 तक में 46 छात्र पर दो, 86 होने पर तीन, 121 होने पर चार और 156 छात्र संख्या होने पर पांच सेक्शन बनाए जाएंगे। पहले निर्धारित मानदंड के अनुसार 61 छात्र होने पर दो, 121 होने पर तीन 181 छात्र होने पर चार सेक्शन बनाए जाते थे।  ..DB

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