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Tuesday 13 August 2013

शिक्षकों की काउंसिलिंग में पहले दिन ही हंगामा

**शिक्षकों के दो गुट आपस में भिड़े, जमकर नारेबाजी, बुलानी पड़ी पुलिस 
हिसार : रेशनेलाइजेशन के लिए सोमवार को शुरू की गई काउंसिलिंग पहले दिन ही विवादों में घिर गई। जहाज पुल स्कूल में अध्यापकों के दो गुटों के बीच जमकर विवाद हुआ। सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित अध्यापक संघ जहां इस काउंसिलिंग का विरोध कर रहा था, वहीं राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ काउंसिलिंग को जारी रखने के पक्ष में थे। इसी मुद्दे को लेकर दोनों गुट एक दूसरे के विरोध में खड़े हो गए। विभाग के डिप्टी डायरेक्टर हरचरण छोक्कर के सामने ही दोनों गुटों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विवाद बढ़ता देखकर मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी। इसके कारण काउंसिलिंग करीब चार घंटे देरी से शुरू हुई। 

 


शिक्षा विभाग की ओर से रेशनेलाइजेशन के लिए जुलाई 2013 की छात्र संख्या को आधार बनाया गया था। इसके कारण अकेले हिसार में 136 जेबीटी अध्यापकों की पोस्ट सरप्लस हो गई। जिले में रिक्त पदों की संख्या 198 है। हालांकि रिक्त पद अधिक होने के कारण जेबीटी अध्यापकों के सामने जिले से बाहर जाने का डर खत्म हो गया था, फिर भी अध्यापक संघ की मांग थी कि रेशनेलाइजेशन में नर्सरी कक्षा के बच्चों को भी शामिल किया जाए। ऐसा न करने की सूरत में हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ ने पहले ही काउंसिलिंग का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी।
ये हैं नियम
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक स्कूलों में 1 से 120 छात्र संख्या तक चार जेबीटी अध्यापक होने जरूरी है। इसके बाद 121 से 200 छात्र संख्या तक पांच जेबीटी और एक हेड टीचर की शर्त है। विभाग की ओर से सोमवार को काउंसिलिंग में इसी पैटर्न को अपनाया गया, लेकिन हेड टीचर का मामला अभी लंबित है। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ की मांग थी कि 60 स्टूडेंट्स होने की स्थिति में हेड टीचर की पोस्ट रखी जाए। इसके अलावा अभी तक नर्सरी कक्षा के बच्चों की संख्या को जेबीटी के वर्कलोड में नहीं जोड़ा गया है, अध्यापक संघ इस बच्चों को भी अध्यापकों के वर्कलोड में शामिल करने की मांग कर रहा था।
विभाग ने की वादा खिलाफी 
"विभाग ने रेशनेलाइजेशन को व्यावहारिक बनाने के लिए अध्यापक वर्ग की कई मांगों को मानने का आश्वासन दिया था। इसके तहत प्राथमिक स्तर पर 20 बच्चों तक का स्कूल बने रहने और एक अध्यापक की मांग मानी गई थी। वहीं 21- से 60 छात्रों पर दो अध्यापक और उनमें एक मुख्य शिक्षक रखने की मांग थी। मगर विभाग ने काउंसिलिंग में इस मांग को नजरअंदाज कर दिया। हम इसलिए काउंसिलिंग का विरोध कर रहे थे।"--वीरेंद्र सिंह, प्रवक्ता, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ।  ...db


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