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Saturday 3 August 2013

आर-पार की लड़ाई को तैयार अतिथि अध्यापक

**कुरूक्षेत्र में पदाधिकारियों की बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला
**रोहतक में 11 अगस्त को प्रस्तावित प्रदर्शन को लेकर तैयार रहने के आदेश
हिसार : रेशनलाईजेशन के विरोध व नियमित करने की माग को लेकर पंचकूला में शक्ति प्रदर्शन कर चुके अतिथि अध्यापकों ने ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। अगामी चार अगस्त को कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में सुबह दस बजे आयोजित प्रदेशस्तरीय बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। इस संबंध में प्रदेश महासचिव राजेन्द्र शास्त्री व हिसार के जिलाध्यक्ष ईश्वर शास्त्री ने कहा है कि अपना रोजगार बचाने के लिए अतिथि अध्यापक किसी भी हद तक जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अतिथि अध्यापकों की मेहनत के चलते ही प्रदेश में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठा है। उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हे नियमित किया जाए। प्रदेश महासचिव राजेन्द्र शास्त्री ने कहा कि यदि सरकार उनकी मागों पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं करती है तो अतिथि अध्यापक जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन देने से लेकर, धरना प्रदर्शन से लेकर कोई भी बड़े से बड़ा कदम उठा सकते हैं। इससे पहले अतिथि अध्यापकों से संपर्क करते हुए महासचिव राजेन्द्र शास्त्री व सचिव कुलदीप झरोली ने कहा कि इस 4 अगस्त को प्रस्तावित बैठक में प्रदेश भर से ब्लॉकस्तर के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
कहा है कितने अध्यापक
हिसार : 477
रेवाड़ी : 502
पलवल : 870
फरीदाबाद : 880
पंचकूला : 450
गुड़गाव : 1020
करनाल : 660
मेवात : 1200
महेन्द्रगढ़ : 450
झज्जार : 135
पानीपत : 517
सोनीपत : 580
कैथल : 1128
कुरुक्षेत्र : 687
अम्बाला : 722
यमुनानगर : 920
भिवानी : 860
सिरसा : 934
फतेहाबाद : 1224
जींद : 672
रोहतक : 120
क्या है स्थिति :
वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में 15006 अतिथि अध्यापक कार्यरत हैं, जिनमें से 6356 प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत है, वहीं 3105 मैथ, साइंस व सामाजिक विज्ञान अध्यापक, 2625 प्राध्यापक व 2920 भाषा अध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं। प्रदेश में अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति का सिलसिला 21 दिसंबर से 2005 से चला आ रहा है। उसके बाद से यह संख्या कई वर्र्षो से लगातार बढ़ती गई।..dj

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