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Sunday 16 February 2014

मास्टरों की पदोन्नति की डगर पर खिंची लक्ष्मण रेखा

बरसों से पदोन्नति का सपना संजोए बैठे मास्टरों के लिए बुरी खबर है। सरकार ने उनके प्रमोशन की डगर में ऐसी लक्ष्मण रेखा खींच दी है कि इसे शायद ही कोई पार कर सके। एक तरफ सरकार ने लेक्चरार के पद के लिए केस मांग लिए हैं तो दूसरी ओर नए सर्विस रूल के नियमों को देखे तो उसे चुनिंदा ही शिक्षक पूरा कर पाएं। स्थिति यह बनी है कि गुरुजी अपना कद बढ़वाने के लिए आवेदन भी करते तो उनकी पदोन्नति संभव नहीं है। जैसे ही सूचना शिक्षकों तक पहुंचेगी तो पूरे शिक्षा जगत में हड़कंप मचना भी तय है। 
हाल ही में शिक्षा विभाग ने करीब 14 हजार लेक्चरार नियुक्त किए, जबकि सात हजार पद स्वीकृत हो चुके हैं। नियमानुसार इन पदों के मुकाबले 33 प्रतिशत सीएंडवी व मास्टर वर्ग को पदोन्नत कर लेक्चरार बनाया जाना है। लेकिन शिक्षा विभाग के वर्ष 2012 नए सर्विस रूल पर नजर डालें तो इनकी पदोन्नति होना असंभव सा है। चुनिंदा शिक्षक ही नए सर्विस रूल पर को पूरा कर पाएंगे। नए नियमों के अनुसार पदोन्नति के लिए मास्टर का बीएड होना जरूरी है। एचटेट पास होना अनिवार्य है। यदि किसी शिक्षक ने गणित में सेवाएं दी हैं और उसने सेवाकाल के दौरान एमएम अंग्रेजी 50 प्रतिशत से अधिक अंक से की है तो उसे मान्य नहीं करार दिया जाएगा। यह तीनों नियम शिक्षकों के गले की फांस बन चुके हैं। क्योंकि दस साल या इससे पहले अध्यापन में आए सीएंडवी शिक्षकों के लिए बीएड की योग्यता रखना जरूरी नहीं था। जबकि उस समय एचटेट की परीक्षा का प्रावधान भी शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य नहीं था। इस वजह से वह पदोन्नति के लिए केस भेज सकते हैं, लेकिन नियम पर खरा नहीं उतर सकते। इसके साथ ही एसएस मास्टर, साइंस मास्टर व गणित मास्टर के लिए बीएड की योग्यता रखना अनिवार्य था। वह बीएड हैं, लेकिन उन्होंने एचटेट की परीक्षा पास नहीं की हुई। ऐसे में वह भी पदोन्नति के नियमों पर खरे नहीं उतरते। पदोन्नति के लिए मांगे गए केस का कोई औचित्य हीं नहीं रह जाता। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व प्रदेश सचिव कृष्ण कुमार निर्माण का कहना है कि सरकार पदोन्नति नहीं देना चाहती है। इस तरह के कठोर नियम बनाए गए हैं। सरकार ने इन नियमों को लचीला नहीं बनाया तो आंदोलन की राह पकड़ ली जाएगी।                                                            djkrnl

2 comments:

Darshan Lal Baweja said...

कोई BSc BEd ......MA Pol Sc करके वो भी Private करके सीधी भर्ती मे PGT Pol Sc लग सकता है .....विज्ञान अध्यापक इन सर्विस एम ए करके पदोन्नत नहीं हो सकता ....घोर अन्याय

JAGVIR GOYAT said...

science master kahan jayen

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