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Tuesday 18 February 2014

भर्ती में शॉर्टलिस्ट सिस्टम खत्म हो

** सोमवार को एडीसी को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर जल्द कार्रवाई की मांग
** सेमेस्टर मुख्य समस्या 
** हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से की शॉर्टलिस्ट की जगह लिखित परीक्षा कराने की मांग
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से निकाली जाने वाली भर्तियों में प्रदेश के अधिकतर पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा फिट नहीं हो रहे। इसका कारण आयोग का भर्ती के लिए शॉर्टलिस्ट आवेदकों का सीधा इंटरव्यू कराना है। इस मुद्दे को विभिन्न भर्तियों के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों ने उठाया है।
सोमवार को एडीसी को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर जल्द कार्रवाई की मांग भी की। गौरतलब है कि शॉर्टलिस्ट सिस्टम के तहत कुल पदों के आठ गुणा आवेदकों को सीधा इंटरव्यू पर बुला लिया जाता है, जिस कारण भर्तियों के लिए आवेदन करने वाला एक बड़ा वर्ग नौकरी की पहुंच से छूट जाता है। इस कारण आवेदक आवेदन तो 15 से 20 नौकरियों के लिए करते हैं, लेकिन शॉर्टलिस्ट सिस्टम के कारण उनका इंटरव्यू किसी में नहीं आ पाता। जिलाभर से सरकारी नौकरियों के लिए करीब 50 हजार से अधिक युवा आवेदन करते हैं।
लिखित परीक्षा के आधार पर बने मेरिट 
आवेदक विक्रम धमीजा, विरेंद्र यादव, प्रदीप शर्मा, गुरमीत, अजय राठी, राम और गगन रावत ने कहा कि शॉर्टलिस्ट खत्म कर लिखित परीक्षा के आधार पर मेरिट बनाई जाए, ताकि सभी योग्य आवेदकों को मौका मिल सके। आवेदकों ने कहा कि नौकरी का आवेदन फार्म भरने के लिए पास अंकों की सीमा निर्धारित की जाए। पिछले वर्ष की भर्ती के जिन परिणामों को अब तक घोषित नहीं किया गया है, उन्हें जल्द से जल्द घोषित किया जाए। आवेदकों ने बताया कि पटवारी के इंटरव्यू अप्रैल में खत्म हो गए थे, लेकिन 10 महीने गुजरने के बाद भी परिणाम घोषित नहीं हो पाया। आवेदकों ने कहा कि भर्ती निकालने के साथ ही भर्ती प्रक्रिया पूरा करने का समय भी निर्धारित किया जाए, ताकि भर्ती प्रक्रिया में कई-कई साल न लगें। आवेदकों ने कहा कि अगर कोई भर्ती रद्द होती है, तो उसकी फीस उन्हें जिला ट्रेजरी कार्यालय से ही वापस मिलनी चाहिए, ताकि उन्हें अपने पैसे लेने के लिए पंचकूला धक्के खाने पड़ें। 
जल्द हो मांग पूरी 
वर्ष 2005 तक शिक्षा बोर्ड वार्षिक परीक्षाएं आयोजित करता था, जिसके चलते विद्यार्थियों के अंक बमुश्किल 60 प्रतिशत के करीब बन पाते थे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने सेमेस्टर प्रणाली शुरू कर दी, जिस कारण अंकों की झड़ी लग गई। सेमेस्टर सिस्टम के कारण विद्यार्थियों का परिणाम सबसे कम 60 प्रतिशत रह गया, जबकि अधिकतर विद्यार्थियों के अंक 80 से 90 प्रतिशत तक के बीच आने लगे। ऐसे में सरकारी नौकरियों में भी इन अंकों के आधार पर ये आवेदक 2005 से पहले 10वीं व 12वीं की परीक्षा पास कर चुके आवेदकों को पछाड़ रहे हैं। इतना ही नहीं हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग कुछ साल पहले तक सभी आवेदकों को अपनी योग्यता साबित करने के लिए लिखित परीक्षा का मौका देता था। ऐसे में कम अंक वाले योग्य आवेदक भी लिखित परीक्षा की तैयारी करके अपने कम अंकों की कमी को परीक्षा में बेहतर अंक लाकर पूरी कर लेते थे। वहीं जब से शॉर्टलिस्ट का इंटरव्यू लेने का सिस्टम शुरू हुआ है, तब से ये आवेदक हर भर्ती में मायूस हो रहे हैं।                                                                              dbkkr

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