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Monday 24 November 2014

रिटायरमेंट की उम्र पर कर्मचारियों में ऊहापोह

** कल कैबिनेट की मीटिंग के फैसलों पर नजर
चंडीगढ़ : विदाई की बेला में निवर्तमान सीएम भूपेंद्र सिंह द्वारा लिये गए कुछ फैसलों को वर्तमान मनोहर सरकार पलट सकती है। वैसे तो दो दर्जन विभागों में 115 फैसलों पर राज्य सरकार समीक्षा जारी रखे हुए है। उसके बावजूद भर्तियों पर रोक और कर्मियों की आयु को दोबारा 58 किये जाने को लेकर अधिक चर्चा चल रही है। इसी तरह लगभग दस हजार जेबीटी नवचयनित शिक्षकों ने भी आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। इन शिक्षकों का रिजल्ट आने के बाद में जिले अलॉट कर दिये थे, अभी तक ज्वायनिंग नहीं हो सकी है। नवचयनित पटवारी भी राज्य सरकार से उन्हें ट्रेनिंग पर भेजे जाने की मांग उठा रहे हैं।
सूबे में निवर्तमान सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इन 115 फैसलों को पलटे जाने की सूरत में सरकार को विरोध झेलने की चेतावनी जारी कर चुके हैं। दूसरी तरफ सरकार की ओर से भी सीएम ने खुद साफ कर दिया है कि बदले की भावना अथवा किसी तरह के पूर्वाग्रह से नहीं बल्कि निष्पक्ष फैसले लिये जाएंगे। इस बार की केबिनेट मीटिंग कई मायनों में अहम होगी, जिसके लिए 25 नवंबर की तारीख तय की गई है। शाम को होने वाली इस मीटिंग में राज्य सरकार कुछ अहम विभागों के बारे में अहम फैसले लेने जा रही है, हालांकि अभी तक भी एजेंडा पूरी तरह से साफ नहीं है। उसके बावूजद राज्य के बेरोजगारों, जेबीटी शिक्षकों पटवारियों नवचयनित की नजरें इधर लगी हुई हैं। 58 से रिटायरमेंट की उम्र को 60 साल किये जाने के खिलाफ जहां युवा वर्ग मोर्चेबंदी करने जा रहा है। वहीं जिन लोगों को इसका फायदा मिला है, वे नहीं चाहते कि यह फैसला पलटे। दूसरी तरफ कर्मियों, अफसरों का बड़ा गुट इस आयु को बढ़ाए जाने के विरोध में खड़ा हुआ है, क्योंकि इन लोगों को आयु बढ़ाने के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है।
सरकारी कर्मियों की नजरें अब नई सरकार के फैसलों पर लगी हुई है। कर्मचारियों और अफसरों में खेमेबंदी हो रही है, क्योंकि कुछ उम्र सीमा को 60 रखने की वकालत कर रहे हैं, दूसरा गुट इसे तत्काल वापस लिये जाने की बात कर रहा है। भरोसेमंद उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो रिटायमेंट की उम्र 60 से कम कर 58 होने जा रही है।
आर्थिक हालात का पेंच
सूबे की नई सरकार वैसे तो पंजाब के समान वेतन और भत्ते देना चाहती है। उसके बावजूद राज्य में गत सरकार द्वारा छोड़े गए वित्तीय हालात पर मंथन किया जा रहा है। आर्थिक विशेषज्ञों की माने तो यहां पर बेहतर हालात नहीं हैं। इस पर तो राज्य सरकार ने श्वेतपत्र जारी करने का ऐलान भी कर दिया है। घोषणा-पत्र 2014 में भले ही भाजपा ने तमाम वादे किये हों लेकिन इसे लागू करने की कोई डेट का ऐलान तो नहीं किया गया था। ऐसे में भाजपा को राहत की बात है, राज्य के आर्थिक हालत को लेकर फूंक फूंककर कदम रख रही मनोहर सरकार के थिंक टैंक इस पर कामकाज कर रहे हैं। सरकारी नौकरियों में आवेदन के लिए आयु सीमा को बढ़ाकर 42 करने पर भी रिव्यू हो रहा है।                                                     hb


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