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Thursday 24 November 2016

बोर्ड परीक्षा शुल्क भरना हुआ मुश्किल

** नोटबंदी का असर : सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपने खातों से फीस भरने को तैयार नहीं
** हजारों विद्यार्थियों की फीस नहीं भरी जा सकी, अंतिम तिथि 26 नंवबर
जींद : नोटबंदी का असर 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की आगामी होने वाली बोर्ड परीक्षा पर भी पड़ता नजर आ रहा है। इसके चलते अब तक सरकारी स्कूलों की ओर से 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों की बोर्ड फीस ऑनलाइन नहीं भरी जा सकी है, क्योंकि स्कूल मुखिया के खाते विभाग पहले ही बंद करवा चुका है और अन्य शिक्षक विद्यार्थियों की बोर्ड फीस को अपने खातों में डलवाकर ऑनलाइन डिपॉजिट नहीं करवा रहे हैं, क्योंकि उन्हें इंकम टैक्स विभाग का डर सता रहा है। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी व स्कूल मैनेजमेंट एंड डेवलेपमेंट कमेटी के खाते होने के बावजूद उनमें भी यह रकम नहीं डाली जा रही, क्योंकि इन दोनों खातों में सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय शिक्षा माध्यमिक अभियान से संबंधित कार्यों की ग्रांट आती हैं। 
ऐसे में सरकारी स्कूल मुखियाओं ने 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों से बोर्ड की फीस तो एकत्रित करवा ली, लेकिन अब उन्हें ऑनलाइन जमा करवाने में दिक्कत आ रही है, क्योंकि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने भी ऑनलाइन के अलावा कोई विकल्प नहीं दिया हुआ है, ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ गई है। यही नहीं दसवीं की परीक्षा के लिए ऑनलाइन फीस जमा करवाने की अंतिम तिथि भी 26 नवंबर है। गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से ई-चालान के जरिये फीस भरवाई जाती थी, लेकिन अब बोर्ड ने यह ऑनलाइन कर दिए हैं।
हर साल लाखों बच्चे देते हैं परीक्षा : 
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से हर साल दसवीं व बारहवीं की वार्षिक परीक्षाएं फरवरी के अंत से मार्च तक आयोजित की जाती है और हर साल लाखों बच्चे परीक्षा देते हैं। बोर्ड ने 10वीं के लिए 500 रुपये फीस तय कर रखी है जबकि 12वीं के लिए 650 रुपये फीस, 50 रुपये माइग्रेशन फीस तय की हुई है। दसवीं के लिए आनलाइन फीस जमा करने की अंतिम तिथि 26 नवंबर है जबकि बारहवीं के लिए दिसंबर का प्रथम सप्ताह रखा गया है।
ई-चालान लिए जाएं व तारीख बढ़ाई जाए : 
हरियाणा स्कूल एजुकेशन ऑफिसर एसोसिएशन के प्रांतीय वरिष्ठ उपप्रधान रमेशचंद्र मलिक ने कहा कि स्कूल के खाते न होने के कारण बोर्ड की फीस ऑनलाइन नहीं भरी जा रही। कोई शिक्षक अपने खातों से भी राशि ट्रांसफर नहीं कर रहा, क्योंकि इंकम टैक्स का डर रहता है। बोर्ड को चाहिए कि पहले की तरह ई-चालान शुरू किए जाए और दसवीं की आनलाइन तारीख को भी बढ़ाया जाए ताकि राहत मिल सके।

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