पांचवीं या आठवीं में परखा जाएगा ज्ञान
(राइट टू एजुकेशन) में सतत मूल्यांकन प्रक्रिया (सीसीई) के तहत आठवीं तक बच्चों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में भेज दिए जाने पर जल्द ही रोक लग सकती है। अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो संभव है कि नए सत्र से ही सीसीई का मौजूदा स्वरूप बदल दिया जाए। बदलाव के तहत पांचवीं या आठवीं कक्षा में बच्चों का ज्ञान परखने के बाद ही उसे आगे की कक्षा में भेजा जाएगा।
आरटीई की सीसीई प्रणाली में विद्यमान खामियों को दूर करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रलय ने जुलाई 2012 में उप समिति का गठन किया था। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल को इसका अध्यक्ष बनाया गया। समिति को रिपोर्ट देने के लिए तीन माह का समय दिया गया था।
भुक्कल ने बताया सभी सदस्यों ने एकमत से सुझाव दिया कि आरटीई में सीसीई के तहत बिना किसी परीक्षा के बच्चों को अगली कक्षा में भेजते जाना सही नहीं है। पांचवीं या आठवीं के स्तर पर परीक्षा या बच्चों का ज्ञान परखे जाने की कोई व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसे में इस सुझाव पर आधारित समिति की रिपोर्ट मंत्रलय को तो भेज दी गई है, शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर भी डाल दी गई है।
भुक्कल ने बताया कि देश के जिन राज्यों में आरटीई लागू नहीं हुआ है, समिति की ओर से वहां की सरकारों को भी पत्र भेज दिया गया है। उनसे पूछा गया है कि उन्हें अपने यहां यह अधिनियम लागू करने में क्या परेशानी आ रही हैं।
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