पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश में चल रही अध्यापकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया। कोर्ट ने सौ के करीब उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा चार साल का अनुभव वाले उम्मीदवारों को अध्यापक पात्रता परीक्षा में छूट देने को चुनौती दी गई थी।
हाईकोर्ट के इस आदेश से हजारों उम्मीदवार इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं जिन्होंने टीचर भर्ती बोर्ड द्वारा कटऑफ के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती थी तथा कोर्ट के आदेश पर प्रोविजनल तौर पर इस भर्ती में भाग लेने की इजाजत पाई थी। कोर्ट के इस आदेश से उन सभी के आवेदन फार्म रद हो गए हैं और भर्ती प्रक्रिया पर छाए बादल हट गए हैं।
शुक्रवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके सिकरी पर आधारित खंडपीठ ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुए सरकार द्वारा चार साल के अनुभव पर अध्यापक पात्रता परीक्षा में छूट के फैसले पर रोक के आदेश जारी न करने का फैसला देते हुए स्पष्ट किया कि इस मामले में सरकार ने अनुभव के लिए जो समय तय किया है वह सही नहीं है। इस मामले में समय सीमा न तय करते हुए कोर्ट ने केवल चार साल के अनुभव के आधार पर छूट जारी करने का आदेश दिया।
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