कैथल में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शुक्रवार को जमीन देखने के लिए भारतीय सौंदर्यशास्त्र शोध प्रतिष्ठानम कपिस्थल के निदेशक डॉ. अरुणेश्वर झा के नेतृत्व में टीम पहुंची। शोध प्रतिष्ठान से जुड़े देश-विदेश के शिक्षाविदों के सहयोग से यह विश्वविद्यालय खोला जाएगा। इसका नाम हरियाणा संस्कृत विश्वविद्यालय रखा जाएगा।
विश्वविद्यालय खुलने से पंजाब, हरियाणा के अलावा उत्तर भारत के विद्यार्थियों को फायदा होगा। जिसमें छह अंगों सहित वेद, षटदर्शन, धर्मशास्त्र, 18 पुराण, महाभारत और रामायण का अध्ययन और शोध कार्य आरंभ होगा। डॉ. झा ने बताया कि विदेशों में संस्कृत का प्रचार खूब हो रहा है। वहां संस्कृत के लिए पैसा भी खूब मिल रहा है, लेकिन यहां संस्कृत के लिए लोग पैसा नहीं दे रहे हैं। इस प्राइवेट विश्वविद्यालय के लिए विदेशों से पैसा लाया जाएगा। विदेशों से संस्कृत के प्रोफेसर्स यहां आकर पढ़ाएंगे।
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