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Tuesday, 18 December 2012

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के फैसले से सुधरा पहले सेमेस्टर का रिजल्ट

ग्रेस माक्र्स से 1.75 लाख परीक्षार्थी   पास
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अगर परीक्षार्थियों पर मेहरबान न होता तो पौने दो लाख परीक्षार्थी और फेल हो जाते। शिक्षा बोर्ड ने इस बार सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी के परीक्षार्थियों को 22 फीसदी तक ग्रेस माक्र्स दिए हैं। हालांकि बोर्ड ने इस दफा ग्रेस माक्र्स सभी परीक्षार्थियों को न देकर, सिर्फ उन्हीं परीक्षार्थियों को दिए हैं, जो कुछ नंबरों से पास होने से वंचित रह गए। 
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 14 दिसंबर को सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी का पहले सेमेस्टर का परिणाम घोषित किया। हालांकि बोर्ड ने यह परिणाम आंकड़ों में घोषित नहीं किया। बोर्ड के मुताबिक यह परिणाम नहीं है। यह परीक्षार्थियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट है। मगर, सूत्रों के मुताबिक सेकंडरी का परिणाम लगभग 58 फीसदी और सीनियर सेकंडरी का परिणाम लगभग 63 फीसदी रहा, लेकिन हकीकत में सेकंडरी का परिणाम लगभग 34 व सीनियर सेकंडरी का लगभग 48 फीसदी था, जिसे ग्रेस माक्र्स की मदद से बढ़ाकर 58 व 63 फीसदी किया गया। मतलब कि सेकंडरी में 24 व सीनियर सेकंडरी में 15 फीसदी परीक्षार्थी बोर्ड की मेहरबानी से पास हुए हैं। 
इस बार सेकंडरी में 5 लाख 5 हजार से ज्यादा और सीनियर सेकंडरी में 3 लाख 69 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए। ग्रेस माक्र्स के चलते सेकंडरी में 1 लाख 21 हजार से ज्यादा और सीनियर सेकंडरी में 55 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी पास हुए हैं। 
अंग्रेजी में सबसे ज्यादा 17 अंक की ग्रेस 
शिक्षा बोर्ड ने दसवीं के परीक्षार्थियों को 22 फीसदी अंक तक की ग्रेस दी है। सूत्रों के मुताबिक अंग्रेजी व गणित में सबसे ज्यादा 17, सामाजिक विज्ञान में 13 और विज्ञान में 10 अंकों की ग्रेस दी गई है। उधर, सीनियर सेकंडरी के भी लगभग सभी विषयों में ग्रेस माक्र्स दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक सीनियर सेकंडरी में लगभग सभी विषयों में 10 अंक तक ग्रेस माक्र्स दिए हैं। हालांकि इस दफा बोर्ड ने ग्रेस अंक की कृपा सभी को न देकर सिर्फ उन परीक्षार्थियों को दी है, जो कुछ अंकों के अंतर से किसी विषय में फेल हो रहे थे। 
"यह ग्रेस माक्र्स नहीं है, बल्कि यह मॉडरेशन किया है। हालांकि इस बार बोर्ड ने इसका फायदा उन्हीं परीक्षार्थियों को दिया है, जो मॉडरेशन की मदद से पास हो रहे थे। अकेला हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ही ऐसा नहीं करता, बल्कि सभी बोर्ड परिणाम का मॉडरेशन करते हैं।" महेंद्रपाल सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड

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