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Tuesday, 26 April 2016

लड़कों के स्कूल में महिला शिक्षक नहीं चलेगी

** शिक्षा निदेशालय का अजब जवाब, फरियादी हैरान
** अतिथि शिक्षक पर लागू किया नियमित शिक्षकों के स्थानांतरण का नियम
नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक इन दिनों विभिन्न कारणों के चलते सेवामुक्त किए जा रहे हैं, लेकिन इस बार एक अनुसूचित जाति की महिला अतिथि शिक्षक को ऐसा कारण बता नौकरी से हटाने का फरमान सुनाया गया है जोकि हैरान करने वाला है। सवरेदय बाल विद्यालय, किरण विहार में कार्यरत भावना गौतम को यह कहते हुए नौकरी से निकाला जा रहा है कि लड़कों के स्कूल में महिला शिक्षक को नियुक्ति देना नियमों के खिलाफ है। उन्हें हटाने के मामले में शिक्षा निदेशालय ने अपने उस आदेश को भी ताक पर रख दिया है जिसमें मेरिट को प्राथमिकता देने और अनुसूचित जाति-जनजाति, ओबीसी और विकलांग श्रेणी के आवेदकों को नौकरी से निकालने से परहेज करने की बात है।
इस संबंध में जब शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी ऐसे किसी आदेश की जानकारी नहीं है, जिसके अंतर्गत शिक्षिकाओं को लड़कों के स्कूल में नियुक्ति से वंचित किया जाए। पीड़िता भावना गौतम की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों को देखे तो उन्हें पब्लिक ग्रीवांस सिस्टम के माध्यम से की गई उनकी शिकायत में मिले जवाब की जानकारी शिक्षा निदेशक सौम्या गुप्ता को होने की बात भी स्पष्ट है। भावना ने बताया कि उन्होंने न्याय की मांग को लेकर न सिर्फ शिक्षा मंत्री बल्कि मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
यह है मामला: 
सवरेदय बाल विद्यालय में दो अतिथि शिक्षक हैं। एक भावना गौतम और एक पुरुष शिक्षक । भावना कहती हैं कि गत दिनों एक नियमित शिक्षक की नियुक्ति को लेकर एक अतिथि शिक्षक को सेवामुक्त कराने की दिशा में स्कूल प्रबंधन ने कदम बढ़ाया। इसके लिए मेरिट बनाई गई और मेरिट में आगे रहने के बावजूद उन्हें 10 मई के बाद सेवामुक्त करने का फरमान सुना दिया गया। उन्होंने पब्लिक ग्रीवांस सेल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत की तो जवाब हैरान करने वाला था। चार अप्रैल को दाखिल शिकायत का जवाब भावना को 13 अप्रैल को मिला और महिला होने का तर्क देते हुए उन्हें स्कूल से हटाने की बात कही गई।                                                 dj

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