** राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ हुए एमओयू को विवि ने दी स्वीकृति
रोहतक : एमडीयूसे संबंध प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में स्किल डवलपमेंट कार्यक्रम होंगे। विद्यार्थियों की स्किल डवलप करने के उद्देश्य से विवि ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ पिछले साल अप्रैल महीने में हुए एमओयू को अपनी स्वीकृति दे दी है। विवि की शारीरिक शिक्षा एवं खेल विज्ञान की फैकल्टी भी अलग होगी। इसे बेहतर बनाने के लिए पड़ोसी विश्वविद्यालयों की सुविधाओं का अध्ययन किया जाएगा। ये फैसले सोमवार को विवि की शैक्षणिक परिषद (एसी) की 180वीं बैठक में लिए गए। यहां कुल 103 प्रस्ताव रखे गए।
सीबीसीएस को भी मिली स्वीकृति
विवि कुलपति प्रो. बिजेंद्र कुमार पूनिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी प्रस्तावों पर चर्चा की गई। मदवि में मुख्यमंत्री घोषणा के अनुपालना स्वरूप फैकल्टी ऑफ फिजीकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस के प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी गई। चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अध्यादेश को स्वीकृति दी गई है। अब विवि के विद्यालय बहुआयामी ज्ञान के लिए एक विषय की पढ़ाई करते हुए दूसरे विभाग का कोई एक वैकल्पिक विषय भी पढ़ सकेंगे। विवि में शोध कार्य को बेहतर बनाने के लिए पीएचडी अध्यादेश को मंजूरी दी गई है। इसके तहत यह अध्यादेश सभी अध्यापकों के पास भेजा जाएगा। सभी इसे पढ़कर अपने सुझाव 30 अप्रैल तक देंगे। इसके अलावा पीएचडी रजिस्ट्रेशन में देरी को देखते हुए भी फैसला लिया गया है। विद्यार्थियों की सुविधा और पंजीकरण में देरी हो, इसके लिए कुलपति को अधिकार दिया गया है। इसके तहत कुलपति अपने स्तर पर शोधार्थी को मंजूरी दे सकेंगे। बाद में यह मामला शैक्षणिक परिषद में रख कर पास कराया जा सकेगा। db
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