** जांच की आंच: 44 सौ पात्र अध्यापक भी संदेह के दायरे में
भिवानी : 2008 व 2009 में संपन्न हुई राज्य पात्रता परीक्षा में ही
नहीं, 2011 व 2012 में संपन्न हुए हरियाणा पात्रता परीक्षा में भी बड़े
पैमाने पर धांधली हुई थी। हाल ही में शिक्षा बोर्ड मुख्यालय पर संपन्न हुई
जांच में करीब 350 पात्र अध्यापकों के सर्टिफिकेट बोगस मिले हैं, जबकि करीब
साढ़े चार हजार संदिग्ध मिले हैं। इनके अलावा 800 से अधिक पात्र अध्यापक
अनुपस्थित रहे।1सूत्र बताते हैं कि शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा बोर्ड
मुख्यालय पर पिछले कई दिनों से एचटेट-2011-12 व 2012-13 के प्राइमरी
अध्यापकों की पात्रता परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों के अंगूठों व
हस्ताक्षर की जांच की जा रही थी। इस जांच में 2011-12 सत्र के करीब दस हजार
व 2012-13 सत्र के करीब 2500 पीआरटी को शामिल किया गया था। इनमें मेवात
जिला भी शामिल था। सूत्रों ने बताया कि जांच में काफी खामियां पाई गई हैं।
करीब 350 पात्रों के हस्ताक्षर व अंगूठों का मिलान नहीं हुआ है। करीब 4400
पात्र अध्यापक संदेह के दायरे में हैं, जबकि करीब 800 पात्र अध्यापक जांच
में शामिल ही नहीं हुए।
अनुपस्थित पात्रों को 28 अप्रैल से दोबारा दिया जाएगा जांच में शामिल होने का मौका
शिक्षा विभाग ने अनुपस्थित पात्र अध्यापकों को 28 अप्रैल को शिक्षा बोर्ड मुख्यालय पर जांच के लिए बुलाया गया है। वहीं, इस संबंध में संयुक्त सचिव हरचरण सिंह छोकर ने कहा कि अनुपस्थित पात्र अध्यापकों को तो एक मौका और दिया गया है। लेकिन जो संदेह के दायरे में हैं उनकी जांच हो चुकी है और उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी यह कहना मुश्किल है कि कितने बोगस व संदेह के दायरे में आए हैं। dj
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