** खामियों को दूर करने व जरूरत पड़ने पर संबंधित शिक्षकों व मुखिया को कार्यालय बुलाया जा सकता है
जींद : पदोन्नति केसों में व्यस्त शिक्षा विभाग ने सभी कर्मचारियों को लीव न देने का निर्णय लिया है। बाकायदा इसके आदेश भी सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को भिजवा हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर संबंधित कर्मचारियों से पदोन्नति केस में आ रही खामियों को दूर किया जा सके। यही नहीं जरूरत पड़ने पर संबंधित शिक्षकों, मुखिया या फिर लिपिक को कार्यालय में भी बुलाया जा सकता है।
शिक्षा विभाग द्वारा इन दिनों विभिन्न कैटेगरी के लिए पदोन्नति केस मांगे हुए हैं। इसके लिए अलग-अलग तिथियां निर्धारित की गई हैं ताकि संबंधित शिक्षक व गैर शिक्षक अपनी पदोन्नति के केस बनाकर मुख्यालय को भेज सके। लंबा चौड़ा काम होने के कारण इसमें काफी समय लग रहा है। यही नहीं मुख्यालय के सामने यह भी दिक्कत आ रही है कि कई केसों में खामियां सामने आ रही है। किसी न किसी प्रकार की कमी केस में सामने आ जाती है। इस कारण जिलों में कर्मचारियों से संपर्क साधने पर अकसर संबंधित कर्मचारी छुट्टी पर मिलता है। इसके चलते निदेशालय को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में अब मुख्यालय ने आदेश जारी कर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी 18 अप्रैल तक किसी भी शिक्षक या गैर शिक्षक को स्टेशन लीव स्वीकृत न की जाए।
पुराने केसों में भी मिल रही खामियां
विभाग से जारी निर्देशों में बताया गया है कि जिन अध्यापकों के पदोन्नति मामले विभाग में पहले भी गए हुए हैं, उनमें भी काफी कमियां मिल रही है। ऐसे में किसी भी अध्यापक को स्टेशन लीव नहीं दी जाएगी।
विभाग दे ध्यान
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रेस सचिव भूप वर्मा का कहना है कि इस तरफ मुख्यालय को ध्यान देना चाहिए। स्टेशन लीव स्वीकृत न करना गलत है। पदोन्नति केस जब भेजे जाते हैं, तब उनको पूर्ण रूप से चैक करके भेजा जाए ताकि आगे दिक्कत नहीं आए। dj
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