नई दिल्ली : दसवीं की परीक्षा और आकलन की मौजूदा व्यवस्था में और बदलाव हो
सकते हैं। हालांकि दसवीं के बोर्ड को अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा। केंद्रीय
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय ने निरंतर व व्यापक आकलन (सीसीई)
व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी है।
मंत्रलय ने राज्यों के शिक्षा
मंत्रियों को पत्र लिखकर मौजूदा परीक्षा व्यवस्था में और सुधार के लिए
सुझाव मांगे हैं। इसमें कहा गया है कि अपने अनुभवों के आधार पर बताएं कि
निरंतर और व्यापक आकलन की मौजूदा व्यवस्था को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता
है। सूत्रों के मुताबिक इस व्यवस्था को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं।
बताया जा रहा है कि छात्रों में नकल की प्रवृत्ति बढ़ रही है। मंत्रलय इस
बारे में कोई भी फैसला करने से पहले छात्रों और अध्यापकों के अनुभव को भी
जानेगा। राज्यों से प्रतिक्रिया मिलने के बाद विशेषज्ञों से भी चर्चा की
जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इन शिकायतों को देखते हुए संशोधन और समीक्षा की
योजना तो बनाई गई है, लेकिन मंत्रलय फिर से बोर्ड परीक्षा को अनिवार्य नहीं
करेगा। dj
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